कोटा. एक तरफ जहां पूरा कोटा जनता कफ्र्यू के बीच कोरोना से लडाई लड रहा था, वहीं कोटा पुलिस के डेढ हजार से ज्यादा जवान और अधिकारी सडकों पर मोर्चाबंदी कर लोगों को सुरक्षित रखने की कोषिश में जुटे हुए थे। रोक के बावजूद कुछ लोग घरों से बाहर निकले, जिन्हें इन पुलिसकर्मियों ने वापस घरों को भेजा। इसके साथ ही शहर के चारों और बैरिकेडिंग लगाकर हर आने वाले को सख्त जांच के बाद ही शहर में दाखिल होने की इजाजत दी गई। कोरोना वायरस के खिलाफ षुरू हुई लॉक डाउन की जंग को सफल बनाने के लिए पूरे दिन कोटा पुलिस के जवान और अधिकारी सडकों पर उतर हालात से जूझते रहे। जनता कफ्र्यू के बावजूद पुराने शहर और आरकेपुरम एवं श्रीनाथपुरम जैसे इलाकों में कई युवक घरों से बाहर निकल आए। सख्ती के बावजूद सडकों पर तफरी करते इन लोग को पुलिस जवानों ने घरों को वापस भेजा। कोटा पुलिस ने शहर के शहर के चारों और आने जाने वाले रास्तों पर बैरिकेडिंग कर रखी थी। बारां, बूंदी, झालावाड और खासतौर पर भीलवाडा एवं चित्तौडगढ की और से आने वाले लोगों की सख्ती से तलाषी ली गई। चेकपोस्ट पर स्वास्थ्य जांच करने और कोटा आने की वजह स्पश्ट होने के बाद ही लोगों को शहर में दाखिल होने दिया गया।