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विश्व प्रसिद्ध पुष्कर मेला के मध्य खाटूश्याम  जन्मोत्सव पर  भी अपार जनसमूह उमड़ा 

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02 Nov 25
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विश्व प्रसिद्ध पुष्कर मेला के मध्य खाटूश्याम  जन्मोत्सव पर  भी अपार जनसमूह उमड़ा 

अजमेर के विश्व प्रसिद्ध पुष्कर मेला के मध्य सीकर जिले के अपार श्रद्धा के केन्द्र हारे का सहारा खाटूश्याम हमारा लखदातारी बाबा श्याम का तीन दिवसीय जन्मोत्सव बहुत ही श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। शनिवार को श्याम जन्मोत्सव मेले का मुख्य दिन था । देश भर से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओ ने खाटूधाम पहुंच कर बाबा श्याम के दर्शन किए। श्याम धाम का भव्य एवं अलौकिक दरबार सुगंधित फूलों से सुसज्जित हुआ। भक्तगण ने बाबा श्याम के दर्शन कर जन्मोत्सव की शुभकामनाएं अर्पित की।

 

राजस्थान के सीकर जिले में स्थित खाटूश्यामजी मंदिर देशभर में प्रसिद्ध है। माना जाता है कि यह स्थान महाभारत काल के वीर घटोत्कचपुत्र बर्बरीक की पूजा का स्थल है, जिन्हें भगवान श्रीकृष्ण ने श्रीश्याम नाम से आशीर्वाद दिया था। फाल्गुन मास में लगने वाला खाटू मेला देशभर के पन्द्रह  से बीस लाख भक्तों को आकर्षित करता है। भक्ति संगीत, रथ यात्रा और निशान यात्रा जैसे आयोजन इस मेले को और भी भव्य बनाते हैं। 

अनुमान है कि खाटूश्याम जी में एक साल में एक करोड़ से अधिक लोग पूजा अर्चना के लिए पहुंचते है।

 

राजस्थान सरकार ने भी हाल के वर्षों में धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए “तीर्थ दर्शन सर्किट” की योजनाएँ बनाई हैं। सड़क, आवास और सुविधाओं में सुधार से श्रद्धालुओं की संख्या में निरंतर वृद्धि हुई है। राजस्थान सरकार ने वर्ष 2024-25 के बजट में काशी विश्वनाथ की तर्ज पर खाटू श्याम कॉरिडोर बनाने की घोषणा की हैं, जिसमें लगभग 100 करोड़रु का प्रावधान किया गया है। यह कॉरिडोर एक बड़ी धार्मिक-पर्यटन सुविधा परियोजना होगी, जिसमें तीर्थयात्रियों तथा श्रद्धालुओं की सुविधाओं, दर्शन व्यवस्था, ट्रैफिक एवं पार्किंग प्रबंधन आदि शामिल होंगे। 

 

साथ ही, भारत सरकार की स्वदेशी दर्शन 2.0 के अंतर्गत 19 सुविधाओं के साथ लगभग 87.87 करोड़ रु की परियोजना स्वीकृत हुई है, जिन्हें मार्च 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। खाटूश्यामजी के साथ सालासर बालाजी में विकास की परियोजना पाईप लाईन में है ।दोनों स्थलों में सरकार द्वारा धार्मिक-पर्यटन आधारभूत संरचना सुधार की योजना बनी हुई है। खाटू श्याम जी में कॉरिडोर विकास रूप में बड़ी एवं समग्र परियोजना घोषित हुई है, जबकि सालासर बालाजी धाम में मुख्य रूप से मार्ग एवं परिवहन नेटवर्क सुधार की योजनाएँ सामने आई हैं।

 

खाटूश्यामजी की भक्ति, सालासर बालाजी का विश्वास और मेहंदीपुर बालाजी की आस्था  ये तीनों स्थल राजस्थान को न केवल धार्मिक दृष्टि से समृद्ध बनाते हैं, बल्कि यह प्रदेश देशी पर्यटकों के लिए आस्था और पर्यटन का अद्भुत संगम बन चुका है।

राजस्थान अपनी ऐतिहासिक धरोहर, रंगीन संस्कृति और वीरता के लिए जितना प्रसिद्ध है, उतना ही यह धार्मिक आस्था का भी केंद्र है। यहाँ के कई प्रमुख मंदिर और तीर्थ स्थल न केवल श्रद्धालुओं की आस्था के प्रतीक हैं, बल्कि देशभर से आने वाले पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करते हैं। इनमें खाटूश्यामजी, सालासर बालाजी और मेहंदीपुर बालाजी, पुष्कर का ब्रह्मा मंदिर, नाथद्वारा का श्रीनाथजी मंदिर, अजमेर का ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह, रणकपुर का जैन मंदिर और माउंट आबू का दिलवाड़ा मंदिर  हर वर्ष लाखों भक्तों के आगमन से गुलजार रहते हैं।

 

राजस्थान में देशी (घरेलू) और विदेशी पर्यटकों की स्थिति उत्साहवर्धक है। वर्ष 2024 में पूरे राजस्थान में 23.01 करोड़ घरेलू पर्यटक आये। 

जबकि विदेशी पर्यटकों की संख्या लगभग 20.72 लाख रही है। राजस्थान अपने समृद्ध इतिहास,कला और संस्कृति के साथ ही एक हेरिटेज प्रदेश के रूप में देश विदेश में दिनों दिन लोकप्रिय होता जा रहा है ।

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