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भौगोलिक सूचना तंत्र प्रणाली आधारित एकीकृत प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन की कार्य योजना बनेगी

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25 Jan 20
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भौगोलिक सूचना तंत्र प्रणाली आधारित एकीकृत प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन की कार्य योजना बनेगी

डॉ. प्रभात कुमार सिंघल, कोटा  महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत  विभागों की सहभागिता बढ़ाने एवं कन्वर्जेन्स से कार्य सम्पादित कराये जाने तथा बायोफ्यूल गतिविधियों एवं महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत जी.आई.एस. बेस्ड अर्थात भौगोलिक सूचना तंत्र प्रणाली आधारित एकीकृत प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन की कार्य योजना एवं शामलात पहल के तहत प्लान तैयार करने की समीक्षा हेतु शुक्रवार को जिला कलक्टर सिद्धार्थ सिहाग की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। 
   बैठक में जिला कलक्टर ने पायलेट प्रोजेक्ट अन्तर्गत बायोफ्यूल गतिविधियों के अन्तर्गत अखाद्य तेलीय पौधो के पौधारोपण हेतु बैंठक में उपस्थित उप वन संरक्षक को आगामी वर्षा ऋतु में वन भूमि पर 1 लाख रतनजोत पौधों का पौधारोपण कराये जाने हेतु निर्देश दिये गये । उप वन संरक्षक, वन विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि महात्मा गांधी नरेगा योजना से स्वीकृत चारागाह विकास कार्यो को वन प्रबन्ध समितियों के माध्यम से करवाया जावेगा। 
  आगामी वर्षा ऋत हेतु महात्मा गांधी नरेगा योजना से स्वीकृत नर्सरियों में पर्याप्त पौध तैयार रखने के निर्देश उप वन संरक्षक को दिये गये। वन भूमि क्षैत्रों में सघन वृक्षारोपण एवं जल संरक्षण कार्यों तथा जैव विविधता संरक्षण से सम्बन्धित कार्यों के प्रस्ताव तैयार कर भिजवाने हेतु उप वन संरक्षण को निर्देशित किया गया। 
   डीन, राजकीय उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय झालरापाटन के प्रतिनिधि को निर्देशित किया गया कि महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत जी.आई.एस. बेस्ड अर्थात भौगोलिक सूचना तंत्र प्रणाली आधारित एकीकृत प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन की कार्य योजना एवं शामलात पहल के तहत लाईन विभाग की तर्ज पर उद्यानिकी विभाग द्वारा भी कार्य करवाये जावें। मुख्य वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र झालावाड को निर्देशित किया कि वह अपने कृषि वैज्ञानिकों की सहायता से कृषकों को बागवानी के कृषि कार्यों के लिये प्रोत्साहित करें। प्रोजेक्ट मोड पर जिले की  कम से कम 05 ग्राम पंचायतों में मॉडल बागवानी कार्य सम्पादित करावें। 
  भौगोलिक सूचना तंत्र प्रणाली आधारित एकीकृत प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन की कार्य योजना एवं शामलात पहल के तहत महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत स्वीकृत किये जाने वाले कार्यों के प्रस्ताव ग्राम पंचायतवार तैयार करने हेतु उप वन संरक्षक झालावाड, मुख्य वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र झालावाड, डीन, राजकीय उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय झालरापाटन, अधीक्षण अभियन्ता, जल ग्रहण विकास एवं भूसंरक्षण,अधीक्षण अभियन्ता, जल संसाधन विभाग उप निदेशक, कृषि विभाग ,सहायक निदेशक उद्यानिकी विभाग जिला परियोजना प्रबन्धक, राजीविका एवं सदगुरू फाउन्डेशान को निर्देशित किया गया। 
  लाईन डिपार्टमेंट के उपस्थित सभी जिलास्तरीय अधिकारियों को महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत विभागीय वेबसाईट की नियमित समीक्षा कर कार्य पूर्णता दर बढाने हेुत तथा वित्तीय वर्ष 2017-18 एवं 2018-19 तक के समस्त कार्य  पूर्ण करवाने हेतु निर्देशित किया गया। लाईन डिपार्टमेंट के उपस्थित सभी जिलास्तरीय अधिकारियों को महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत समयबद्ध भुगतान हेतु विभागीय वेबसाईट की नियमित समीक्षा कर समय पर भुगतान करवाने हेतु निर्देशित किया गया। 
     
     जिला परियोजना प्रबन्धक राजीविका झालावाड/ परियोजना निदेशक आईआईआरडी /सतगुरू फाउन्डेशन द्वारा अपना खेत अपना काम अन्तर्गत प्रगतिरत कार्यों को शीघ्रातिषीघ्र पूर्ण करावें तथा माप व मूल्यांकन करवाकर बिल बाउचर आदि का इन्द्राज नरेगा सॉफ्ट में एफटीओ जारी कर इन्हे अविलम्ब पूर्ण करवाने हेतु तथा जी.आई.एस. बेस्ड अर्थात (भौगोलिक सूचना तंत्र प्रणाली आधारित) एकीकृत प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन की कार्य योजना एवं शामलात पहल के तहत महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत स्वीकृत किये जाने वाले कार्यों के प्रस्ताव ग्राम पंचायत वार तैयार भिजवाने हेतु निर्देषित किया गया। 
    महाप्रबन्धक, आरआरएससी एवं स्टेट रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन सेन्टर,(क्षेत्रीय सुदुर संवदन केन्द्र) जोधपुर द्वारा उपलब्ध करवाये गये मानचित्रों का उपयोग करते हुए महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत जी.आई.एस. बेस्ड अर्थात भौगोलिक सूचना तंत्र प्रणाली आधारित एकीकृत प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन की कार्य योजना एवं शामलात पहल के तहत किये जाने वाले कार्यों के प्रस्ताव तैयार कर भिजवाने हेतु निर्देश दिये गये।
     बैठक में डॉ. वी.सी. गर्ग, मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद झालावाड, अजय कुमार त्यागी अधीक्षण अभियन्ता, जल संसाधन विभाग, ओम प्रकाश जांगीड उप वन संरक्षक, जीतमल नागर अधीक्षण अभियन्ता जल ग्रहण विकास एवं भूसंरक्षण, डॉ. मो. युनूस वैज्ञानिक कषि विज्ञान केन्द्र एवं राजेन्द्र प्रसाद निमेष अधिशाषी अभियन्ता नरेगा झालावाड आदि उपस्थित रहे।


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