जीवोत्थान पंचांगम् एवं सांकेतिक जन्म राशि फलानुमान (पाक्षिक समेकित राशि फल सहित) {#यह सेवा जिन सज्जनों के लिए काम आ सके तदर्थ है।ज्योतिर्विद- सुविज्ञों के लिए आवश्यक नहीं# }
(महर्षि यादवेन्द्र शिक्षाचार्य , Rtd RES, भाषात्रयी आशुसाहित्यकार)
Jeevotthan Panchangam, Sanskaritam - Evam Janm Rashi Falanuman
दिनांके -(आँग्ल) 17/10/2021, रविवार
राष्ट्रीय भारतीय दिनांक 25/07/1943
25आश्विन मास1943
सृष्टिगतसौरार्कदिनांक -
29/06
/1955885122#(# पंचांगकारानुसार वर्ष, दैनिक सूर्योदय कालीन सूर्य संक्रांति राशि - अंशतः अंकतः स्थानीय व्यवस्था)
भारतीय पंचांग विक्रमीय दिनांक
27/07/2078
( इसे यहाँ निम्नानुसार लिखा है - सूर्योदयी तिथि सौरतः कृष्ण पक्षतः या गताग्र /पूर्णिमांत चैत्रादि मास /विक्रम संवत्|तिथि /मास में वृद्धि)
द्वादशी, शुक्ल पक्ष
आश्विन
तिथि द्वादशी17:38:35
पक्ष शुक्ल
नक्षत्र शतभिषा09:51:44
योग वृद्वि21:37:44
करण बालव17:38:35
करण कौलव29:49:22
माह (अमावस्यांत)आश्विन
माह (पूर्णिमांत)आश्विन
चन्द्र राशि कुम्भ 28:31:51*तक ।
चन्द्र राशि मीन 28:31:51*से।
सूर्य राशि कन्या13:11:48तक ।
सूर्य राशि तुला 13:11:48से।
सूर्योदय06:36:03
सूर्यास्त18:06:49
दिन काल11:30:45
रात्री काल12:29:43
चंद्रोदय16:31:39
चंद्रास्त28:23:17*
सूर्योदयलग्न कन्या29°44' ,
सूर्य नक्षत्र चित्रा
चन्द्र नक्षत्र शतभिषा
आज के नामकरणाक्षर
पद, चरण4 सू शतभिष09:51:44
1 से पूर्वभाद्रपदा16:03:29
2 सो पूर्वभाद्रपदा22:16:51
3 दा पूर्वभाद्रपदा28:31:51*
मुहूर्त
राहु काल16:40 - 18:07अशुभ
यम घंटा12:21 - 13:48अशुभ
अभिजिता11:58 -12:44शुभ
दूर मुहूर्त16:35 - 17:21अशुभ
पंचक अहोरात्र
चोघडिया, दिन
उद्वेग06:36 - 08:02अशुभ
चर08:02 - 09:29शुभ
लाभ09:29 - 10:55शुभ
अमृत10:55 - 12:21शुभ
काल12:21 - 13:48अशुभ
शुभ13:48 - 15:14शुभ
रोग15:14 - 16:40अशुभ
उद्वेग16:40 - 18:07अशुभ
चोघडिया, रात
शुभ18:07 - 19:41शुभ
अमृत19:41 - 21:14शुभ
चर21:14 - 22:48शुभ
रोग22:48 - 24:22*अशुभ
काल24:22* - 25:55*अशुभ
लाभ25:55* - 27:29*शुभ
उद्वेग27:29* - 29:03*अशुभ
शुभ29:03* - 30:37*शुभ
होरा, दिन
सूर्य06:36 - 07:34
शुक्र07:34 - 08:31
बुध08:31 - 09:29
चन्द्र09:29 - 10:26
शनि10:26 - 11:24
बृहस्पति11:24 - 12:21
मंगल12:21 - 13:19
सूर्य13:19 - 14:17
शुक्र14:17 - 15:14
बुध15:14 - 16:12
चन्द्र16:12 - 17:09
शनि17:09 - 18:07
होरा, रात
बृहस्पति18:07 - 19:09
मंगल19:09 - 20:12
सूर्य20:12 - 21:14
शुक्र21:14 - 22:17
बुध22:17 - 23:19
चन्द्र23:19 - 24:22*
शनि24:22* - 25:24*
बृहस्पति25:24* - 26:27*
मंगल26:27* - 27:29*
सूर्य27:29* - 28:32*
शुक्र28:32* - 29:34*
बुध29:34* - 30:37*
अंतिम कॉलम अंत समय है.
होरा(वारों की प्रकृति तथा करणीय शुभ कामों के अनुसार उपयोगी)
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विशेष विवेचन - आकाशदर्शन/स्वाध्याय बोध -प्रदोष। पंचक। सूर्य तुला में।
ऊर्द्ध्व ऊपर के भूभागांग अंतरिक्ष दक्षिण
दिशाएँ प्रभावित। शिक्षा जनहित योजना । अंतरिक्ष अनुसंधान शिक्षा-तकनीकी एवं विद्वत् सज्जन में किसी प्रकरण में नव चिंतन । ग्राफिक्स उच्च प्रभावित पर। । ##############
*अन्तिम कालम अन्त समाप्तिकाल है।
*समय आधी रात के बाद, लेकिन अगले दिन के सूर्योदय से पहले। तिथि - वार- नक्षत्र - योग - करण पंचांग में किसी के अशुभ प्रभाव में शुभाधिक्यता में सुयोग की तथा भद्रादि के यथा परिहार की मान्यता प्रचलित। कहीं स्थानीय यथाव्यवस्था देशाचारीय मान्यता से व्रतपर्वोत्सवोंकी व्यावहारिकता प्रचलित । जीवोत्थान स्थानीय देशान्तर - अक्षांश पर संगणित। विशेषार्थ आपके स्थलीय पंचांग दृष्टव्य।
@जीवोत्थान जन्म राशि फलानुमान @
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जन्मराशितःआज सांकेतिक फलानुमान
(विशेषार्थ स्वजन्म पत्रिका दृष्टव्य) (एकन्दर राशि फल बोध
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मेष मिथुन सिंह धन राशि वालों के लिये दिनमान के मिश्रित , कर्क वृश्चिक मीन के लिए अड़चन फलद समय तथा अन्य हेतु अपेक्षाकृत दिनमान ठीक।)
जन्म राशि - - - - - समेकित फलानुमान
मेष - मिश्रित 63 %
वृष. - अनुकूलता62 %
मिथुन - मिश्रित 58 %
कर्क. - अवरोध 56 %
सिंह. -ठीक ठाक 59 %
कन्या. - सुधार 61 %
तुला. अच्छा 63 %
वृश्चिक. परेशानी 67 %
धन. - सुधार 61 %
मकर. - अनुकूलता 62 %
कुंभ. - सुधार 61 %
मीन. -अवरोध 59 %
विशेष - दिन शुद्धि सामान्यतः.मिश्रित
फलद है।
जीवोत्थान पाक्षिक जन्म राशि समेकित फलानुमान
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(अक्टूबर उत्तरार्द्ध )
मेष - - अनुकूलता
वृष - - - -अच्छा
मिथुन - - - - - - अनुकूलता
कर्क - - - - - उलझन
सिंह - - - - -लाभदायक
कन्या - - - -सुधार
तुला - - - - परेशानी
वृश्चिक - - - - उलझन
धन - - - - - - - -लाभोदय
मकर - - - - - तरक्की
कुंभ - - - - - सुधार
मीन - - - - - - परेशानी
{(जीवात्मा की विचित्रता, ग्रह-प्रकृति फल भोग।
कर्मफल के सार से, जीवनचक्र - संजोग ।।
स्वात्मदेव सुसाक्षी रख,स्मरण परब्रह्म साथ।
स्वशुद्धभाव कर्मरत् हो , तो साथ रहे नाथ।
सम्मान प्रदान,दिया,लिया,,यथाभाग्य सब लेख।
सुजन निभावे पात्रता, आप्राण विधि- प्रलेख।।)}
भारत की अद्वितीय विशेषताओं का,
अनवरत् दिव्यामृतपान करनाहै।
"ब्रह्माण्डोत्थान" हेतु मानवादर्श का,
'जीवोत्थान 'सदाश्रय को अपनाना है।।
ॐमहर्षि - यादवेन्द्र जीवोत्थान उदयपुर