जीवोत्थान पंचांगम् एवं सांकेतिक जन्म राशि फलानुमान (पाक्षिक समेकित राशि फल सहित) {#यह सेवा जिन सज्जनों के लिए काम आ सके तदर्थ है।ज्योतिर्विद- सुविज्ञों के लिए आवश्यक नहीं# }
(महर्षि यादवेन्द्र शिक्षाचार्य , Rtd RES, भाषात्रयी आशुसाहित्यकार)
Jeevotthan Panchangam, Sanskaritam - Evam Janm Rashi Falanuman
दिनांके -(आँग्ल) 15/10/2021, शुक्रवार
राष्ट्रीय भारतीय दिनांक23 /07/1943
23आश्विन मास1943
सृष्टिगतसौरार्कदिनांक -
27/06
/1955885122#(# पंचांगकारानुसार वर्ष, दैनिक सूर्योदय कालीन सूर्य संक्रांति राशि - अंशतः अंकतः स्थानीय व्यवस्था)
भारतीय पंचांग विक्रमीय दिनांक
25/07/2078
( इसे यहाँ निम्नानुसार लिखा है - सूर्योदयी तिथि सौरतः कृष्ण पक्षतः या गताग्र /पूर्णिमांत चैत्रादि मास /विक्रम संवत्|तिथि /मास में वृद्धि)
दशमी, शुक्ल पक्ष
आश्विन
तिथि दशमी18:01:38
पक्ष शुक्ल
नक्षत्रश्रवण09:15:05
योग शूल24:01:27*
करण गर18:01:38
करण वणिज29:46:05*
माह (अमावस्यांत)आश्विन
माह (पूर्णिमांत)आश्विन
चन्द्र राशि मकर 21:14:46तक।
चन्द्र राशि कुम्भ 21:14:46से।
सूर्य राशि कन्या
सूर्योदय06:35:08
सूर्यास्त18:08:35
दिन काल11:33:27
रात्री काल12:27:00
चंद्रोदय15:16:02
चंद्रास्त26:29:50*
सूर्योदयलग्न कन्या27°45' ,
सूर्य नक्षत्र चित्रा
चन्द्र नक्षत्र श्रवण
आज के नामकरणाक्षर
पद, चरण4 खो श्रवण09:15:05
1 गा धनिष्ठा15:14:09
2 गी धनिष्ठा21:14:46
3 गु धनिष्ठा27:16:58*
मुहूर्त
राहु काल10:55 - 12:22अशुभ
यम घंटा15:15 - 16:42अशुभ
अभिजित्11:59 -12:45शुभ
दूर मुहूर्त08:54 - 09:40अशुभ
दूर मुहूर्त12:45 - 13:31अशुभ
पंचक21:15 - अहोरात्र
चोघडिया, दिन
चर06:35 - 08:02शुभ
लाभ08:02 - 09:28शुभ
अमृत09:28 - 10:55शुभ
काल10:55 - 12:22अशुभ
शुभ12:22 - 13:49शुभ
रोग13:49 - 15:15अशुभ
उद्वेग15:15 - 16:42अशुभ
चर16:42 - 18:09शुभ
चोघडिया, रात
रोग18:09 - 19:42अशुभ
काल19:42 - 21:15अशुभ
लाभ21:15 - 22:49शुभ
उद्वेग22:49 - 24:22*अशुभ
शुभ24:22* - 25:55*शुभ
अमृत25:55* - 27:29*शुभ
चर27:29* - 29:02*शुभ
रोग29:02* - 30:36*अशुभ
होरा, दिन
शुक्र06:35 - 07:33
बुध07:33 - 08:31
चन्द्र08:31 - 09:28
शनि09:28 - 10:26
बृहस्पति10:26 - 11:24
मंगल11:24 - 12:22
सूर्य12:22 - 13:20
शुक्र13:20 - 14:17
बुध14:17 - 15:15
चन्द्र15:15 - 16:13
शनि16:13 - 17:11
बृहस्पति17:11 - 18:09
होरा, रात
मंगल18:09 - 19:11
सूर्य19:11 - 20:13
शुक्र20:13 - 21:15
बुध21:15 - 22:18
चन्द्र22:18 - 23:20
शनि23:20 - 24:22*
बृहस्पति24:22* - 25:24*
मंगल25:24* - 26:27*
सूर्य26:27* - 27:29*
शुक्र27:29* - 28:31*
बुध28:31* - 29:33*
चन्द्र29:33* - 30:36*
अंतिम कॉलम अंत समय है।
होरा(वारों की प्रकृति तथा करणीय शुभ कामों के अनुसार उपयोगी)
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विशेष विवेचन - आकाशदर्शन/स्वाध्याय बोध - पंचक प्रारंभ 21.15से ।शमी पूजन। विजया दशमी दशहरा। बौद्धावतार। वायव्य दक्षिणदिशाएँ प्रभावित। जल सैन्य जनहित योजना । शिक्षा-तकनीकी एवं विद्वत् सज्जन में किसी प्रकरण में नव चिंतन । ग्राफिक्स मध्यम प्रभावित पर। । ##############
*अन्तिम कालम अन्त समाप्तिकाल है।
*समय आधी रात के बाद, लेकिन अगले दिन के सूर्योदय से पहले। तिथि - वार- नक्षत्र - योग - करण पंचांग में किसी के अशुभ प्रभाव में शुभाधिक्यता में सुयोग की तथा भद्रादि के यथा परिहार की मान्यता प्रचलित। कहीं स्थानीय यथाव्यवस्था देशाचारीय मान्यता से व्रतपर्वोत्सवोंकी व्यावहारिकता प्रचलित । जीवोत्थान स्थानीय देशान्तर - अक्षांश पर संगणित। विशेषार्थ आपके स्थलीय पंचांग दृष्टव्य।
@जीवोत्थान जन्म राशि फलानुमान @
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जन्मराशितःआज सांकेतिक फलानुमान
(विशेषार्थ स्वजन्म पत्रिका दृष्टव्य) (एकन्दर राशि फल बोध
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वृश्चिक मीन सिंह कर्क वृष कन्या राशि वालों के लिये दिनमान के मिश्रित , तुला मिथुन कुंभ के लिए अड़चन फलद समय तथा अन्य हेतु अपेक्षाकृत दिनमान ठीक।)
जन्म राशि - - - - - समेकित फलानुमान
मेष - अनुकूलता 62 %
वृष. - ठीक ठाक 59 %
मिथुन - अवरोध 59 %
कर्क. - मिश्रित 61 %
सिंह. - सुधार 61 %
कन्या. - ठीक ठाक 59 %
तुला. परेशानी 58 %
वृश्चिक. उलझन 56 %
धन. - सुधार 61 %
मकर. - अनुकूलता 59 %
कुंभ. - उलझन 56 %
मीन. -अवरोध 54 %
विशेष - दिन शुद्धि सामान्यतः.मिश्रित
फलद है।
जीवोत्थान पाक्षिक जन्म राशि समेकित फलानुमान
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(अक्टूबर पूर्वार्द्ध )
मेष - - अनुकूलता
वृष - - - -अच्छा
मिथुन - - - - - - परेशानी
कर्क - - - - - लाभ
सिंह - - - - -लाभदायक
कन्या - - - - अवरोध
तुला - - - - परेशानी
वृश्चिक - - - - उन्नति
धन - - - - - - - - - अच्छा
मकर - - - - - तरक्की
कुंभ - - - - - - अवरोध
मीन - - - - - - अच्छा
{(जीवात्मा की विचित्रता, ग्रह-प्रकृति फल भोग।
कर्मफल के सार से, जीवनचक्र - संजोग ।।
स्वात्मदेव सुसाक्षी रख, स्मरण परब्रह्म साथ।
स्वशुद्धभाव कर्मरत् हो , तो साथ रहे नाथ।
सम्मान प्रदान, दिया , लिया,,यथा भाग्य सब लेख।
सुजन निभावे पात्रता, आप्राण विधि- प्रलेख।। )}
भारत की अद्वितीय विशेषताओं का,
अनवरत् दिव्यामृतपान करनाहै।
"ब्रह्माण्डोत्थान" हेतु मानवादर्श का,
'जीवोत्थान 'सदाश्रय को अपनाना है।।
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नवरात्रोत्सवे भद्रे, दशहरोत्सवे तथा।
महर्षियादवेंद्रेण प्रार्थ्यते शुभकामना। ।
ॐमहर्षि - यादवेन्द्र जीवोत्थान उदयपुर
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