लंदन। ब्रिटिश संसद के एक समूह ने उच्च शिक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्रों के प्रति नजरिये को बदलने की सिफारिश की है। खासतौर पर भारतीय छात्रों को लुभाने के लिए दस्तावेजों के नियमों में ढील देने और पोस्ट स्टडी वर्क वीजा देने की बात कही गई है।
अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए सर्वदलीय संसदीय समूह ने मंगलवार को एक रिपोर्ट पेश की। इसमें कहा गया कि पिछले आठ सालों में ब्रिटिश विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में भारी कमी आई है। इसे रोकने के लिए एक पोस्ट-स्टडी वर्क (पीएसडब्ल्यू) वीजा जारी किए जाने की मांग की गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिटेन के सातवें सबसे बड़े निर्यात बाजार में सतत विकास को चलाने के लिए महत्वाकांक्षी और सकारात्मक योजना और भारत जैसे विकासशील देशों से आने वाले छात्रों की संख्या में आई कमी को रोकने की तत्काल आवश्यकता है।
आंकड़ों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएसडब्ल्यू वीजा के हटाने के कारण भारत जैसे प्रमुख बाजारों से आने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में भारी कमी आई है। साल 2010-11 से 2016-17 के बीच भारत से आने वाले छात्रों की संख्या घटकर करीब एक तिहाई हो गई थी।
साल 2010-11 में ब्रिटेन करीब 24 हजार भारतीय छात्रों पढ़ने गए थे, यह आंकड़ा साल 2015-16 तक घटकर महज नौ हजार पर पहुंच गया। दरअसल, पोस्ट स्टडी वर्क वीजा के तहत छात्र स्नातक के बाद दो साल तक ब्रिटेन में काम भी कर सकते थे। मगर, इस नियम को हटाने के बाद ब्रिटेन में उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए आने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में खासी कमी आई थी।
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