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महाराणा सज्जन सिंह कालीन (१८७४-१८८४) मेवाड राज्य के ऐतिहासिक निर्माण कार्य

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12 Jul 20
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महाराणा सज्जन सिंह कालीन (१८७४-१८८४) मेवाड राज्य के ऐतिहासिक निर्माण कार्य

उदयपुर, महाराणा सज्जन सिंह जी की १६१वीं जयंती के उपलक्ष्य में आज कडी में चौथे दिन महाराणा मेवाड चैरिटेबल फाउण्डेशन द्वारा संचालित महाराणा मेवाड अनुसंधान केन्द्र, उदयपुर द्वारा मेवाड राज्य में महाराणा सज्जन सिंह जी द्वारा करवाये गये निर्माण कार्य पर संक्षिप्त प्रकाश डाला जा रहा हैं। पाठकों की जानकारी के लिए इसे इटर्नल मेवाड की पोस्ट पर भी दिया जा रहा है। महाराणा सज्जन सिंह जी के शासनकाल के निर्माण कार्यों का संक्षिप्त इतिहास इस प्रकार हैः-

महाराणा सज्जन सिंह जी को निर्माण कार्यों में विशेष रुचि थी। महाराणा ने निर्माण कार्यों के लिए एक पृथक इंजीनियरिंग विभाग की स्थापना की थी। महाराणा ने चित्तौडगढ की पुरानी इमारतों एवं दुर्ग की मरम्मत के लिए प्रति वर्ष रुपये २४ हजार प्रदान किये थे। उदयपुर में महाराणा ने १८ फरवरी १८७५ में शिव निवास का निर्माण आरम्भ करवाया। महाराणा ने निज मंदिर, बादल महल और मोर चौक में कांच का कलात्मक काम करवाया। जगनिवास महल में सज्जन निवास के नाम से निर्माण करवाया। १८ अगस्त १८८३ में बांसदरा के पहाड पर महाराणा ने १३ मंजिला सज्जनगढ की आधारशिला रखी। किन्तु उनके जीवन काल में एक माला बनकर ही तैयार हो सका था, जिसे महाराणा फतहसिंह जी ने ५ मंजिला तक बनवाया।

जयसमुद्र से गुजरात में बाढ की आशंका के चलते महाराणा सज्जन सिंह जी ने बांध के पास १३०० फीट लम्बा एक नया बांध बनवाकर इसकी पाल को ओर मजबूत बना दिया था। महाराणा ने अपने शासनकाल में कई महत्वपूर्ण निर्माण कार्य करवाये।


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