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नव साहित्यिक कृति 'श्रीट्रम्प-विजयश्रीः' की समीक्षा

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05 Jun 20
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नव साहित्यिक कृति 'श्रीट्रम्प-विजयश्रीः' की समीक्षा

जीवोत्थान प्रकाशनालय संस्थान धाम में विश्व पर्यावरण दिवस तथा कबीर जयंती पर अॉन लाईन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। श्रीकबीर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व तथा पर्यावरण संरक्षण के बारें में विचाराभिव्यक्ति हुई। आसपास के कुछ जिलों तथा गुजरात एवं मध्य प्रदेश के कुछ सज्जनों ने रचनाओं की प्रस्तुति संप्रेषित की। महापुरुषों के जीवन चरित्र पर आधारित सुगम साहित्य प्रेरणादर्श - पाथेय साबित हो सकता है। विश्व पर्यावरण के आयोजन में संप्रति भारत तथा संयुक्त राज्य अमेरिका की भूमिका को जाना एवं संस्थान संरक्षक साहित्यकार महर्षि यादवेन्द्र जीवोत्थान द्वारा स्वयं रचित मौलिक संस्कृत काव्य 'श्रीट्रम्प-विजयश्रीः' नामक पुस्तक की समीक्षा की गई। उल्लेखनीय है कि संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड जॉन ट्रम्प के इस माह आयु के 75 वें वर्ष के प्रवेश होने वाले के उपलक्ष्य में भानुसर्ग तथा सोम सर्ग दो सर्गों में 75 पद्यों में रच कर इस रचना का प्रयास किया है। ज्ञातव्य है कि महर्षि यादवेन्द्र की पूर्व में शताधिक विभिन्न रचनाओं में श्रीविवेकानन्दामृतम्, श्री प्रतापोत्थानः, श्रीरामनाथार्कोदयः, ब्रह्मांडध्वन्युत्थानशतकम् श्रीमोदीसप्तदशी भागत्रयी आदि हैं। , महर्षि ने बताया कि 'श्रीट्रम्प-विजयश्रीः' श्रीगहलोत सप्तदशी सर्गत्रयी, श्रीरूपाणी चतुर्दिशी,तथा श्रीशिवराजसाधना  फिलहाल गत कुछ दिनों में तैयार लघु काव्य पुस्तकों का विमोचन आदि विचाराधीन हैं।


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