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लोक सभा अध्यक्ष ने पानीपत, हरियाणा में वेद विद्यालय के नए भवन एवं श्री ज्ञानेश्वर मंदिर का लोकार्पण किया

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22 Oct 21
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लोक सभा अध्यक्ष ने पानीपत, हरियाणा में वेद विद्यालय के नए भवन एवं श्री ज्ञानेश्वर मंदिर का  लोकार्पण किया

लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने आज पानीपत, हरियाणा में वेद विद्यालय के नए भवन एवं श्री ज्ञानेश्वर मंदिर का  लोकार्पण किया। हरियाणा के महामहिम राजपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय; योग गुरु बाबा रामदेव और गीता मर्मज्ञ स्वामी ज्ञानानंद महाराज और अन्य विशिष्ट्जन इस अवसर पर उपस्थित थे।        इस  अवसर पर उन्होंने कहा कि  भारतवासियों  में आध्यात्मिकता,  आस्था और श्रद्धा खून में ही व्याप्त है। उन्होंने कहा कि हमें स्वयं से पहचान कराने का श्रेय अगर किसी को जाता है, तो यह भारत के संतों-मनीषियों को ही जाता है, जो त्याग की साक्षात प्रतिमूर्ति हैं । उन्होंने विचार व्यक्त किया कि वैदिक शिक्षा का हमारे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक जीवन के साथ-साथ व्यावहारिक जीवन में भी महत्वपूर्ण स्थान रहा है। उन्होंने कहा कि  वेद, वे दिव्य शब्द हैं जो किसी के बनाए नहीं हैं, लिखे नहीं है, जो सृष्टि के आरंभ से ही हमारे ऋषियों को प्राप्त हुए हैं। हमारे वेद ज्ञान और विज्ञान के अक्षय भंडार हैं जो  आदि काल से ही हमारा आध्यात्मिक, वैचारिक और सांस्कृतिक मार्गदर्शन करते आए हैं। श्री बिरला ने कहा कि विदेशी शासन के लंबे कालखंड  में ज्ञानशालाओं एवं आध्यात्मिक ग्रंथों को नष्ट किया गया जिससे समृद्ध वैदिक ज्ञान हमसे दूर हो गया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अब इन वेदशालाओं का निर्माण, वेदों का पठन-पाठन निश्चित रूप से वेद विद्या को देश में पुन: स्थापित करेगा और हमें हमारी खोई अस्मिता वापस दिलाएगा।
       बिरला ने जोर देकर कहा कि पूरे देश में हमारे वैदिक ज्ञान को संरक्षित और संवर्धित करने की सबसे अधिक आवश्यकता है । उन्होंने विशेष तौर पर युवा पीढ़ी को इस अनमोल ख़ज़ाने से परिचित कराने पर बल दिया । उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि  भारत सरकार भी संस्कृत को विशेष महत्व देकर उसके  प्रचार प्रसार में लगी है और  नई शिक्षा नीति में भी इसको शामिल किया गया है और कई योजनाएं बनाई गई हैं। उन्होंने आगे कहा कि  इस कार्य में सरकार के अतिरिक्त सामाजिक तथा आध्यात्मिक संगठनों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने हितधारकों का आवाह्न किया कि महर्षि वेदव्यास प्रतिष्ठान जैसी संस्थाएँ प्रत्येक राज्य में बने, जो संस्कृत एवं वैदिक ज्ञान का शिक्षण व्यापक रूप से करे और इसे एक जनांदोलन का रूप देने में अपना योगदान करे।
      बिरला ने इस बात पर भी बल दिया कि  वैदिक ज्ञान और संस्कृत शिक्षण के इस अभियान को आम जनता से जोड़ना अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने आगाह किया कि  जब तक यह जन आंदोलन नहीं बनेगा, संस्कृत को उसके उचित स्थान पर वापस लाना कठिन होगा। उन्होंने कहा कि  विरासत को संजोना, उसको संभालना, नई पीढ़ी को देना ये सबका पुनीत कर्त्तव्य है और भावी पीढ़ियों का उस पर अधिकार भी है।
       बिरला ने इस बात पर प्रसन्नत्ता व्यक्त की कि वेदव्यास प्रतिष्ठान द्वारा स्थापित वेद विद्यालय प्राचीन संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में सराहनीय कार्य कर रहा  है। गत सात वर्षों से वेद विद्यालय सुचारू रूप से कार्य कर रहा है और बहुत कम समय में ही यह यहाँ के जनमानस की श्रद्धा का केंद्र भी बन गया है। ज्ञानेश्वर मंदिर के  शुभारम्भ की और संकेत करते हुए श्री बिरला ने आशा व्यक्त की कि यह मंदिर आस्था, अध्यात्म और श्रद्धा के केंद्र के रूप में सर्वत्र प्रसिद्ध होगा।


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