GMCH STORIES

राज्य स्तरीय बाल विज्ञान काँग्रेस 2019  7 व 8 दिसंबर को

( Read 11134 Times)

06 Dec 19
Share |
Print This Page
राज्य स्तरीय बाल विज्ञान काँग्रेस 2019  7 व 8 दिसंबर को

उदयपुर। पेसिफिक युनिवर्सिटी, उदयपुर में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, क्षेत्रीय कार्यालय उदयपुर के तत्वाधान में दो दिवसीय राज्य स्तरीय बाल विज्ञान कांग्रेस 2019 का आयोजन दिनांक 7 व 8 दिसंबर को में किया जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ श्रीमान आर. ए. गुप्ता, वाईस चासंलर, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा के मुख्य आतिथ्य में किया जावेगा।

विभाग के परियोजना अधिकारी मनीष जैन ने बताया कि बाल विज्ञान कांग्रेस का उद्देश्य विद्यालयी विद्यार्थियों में अनुसंधानात्मक प्रवृति को बढावा देना है। यह विद्यार्थियों में विज्ञान विधि के इस्तेमाल करने का हुनर सीखने का अवसर प्रदान करता है। राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद्, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के द्वारा निर्धारित विषय पर विद्यालयी विद्यार्थी छोटी-छोटी परियोजनाएं अपने-अपने क्षेत्र् में आवश्यकता अनुसार चयन कर वैज्ञानिक विधि का उपयोग करते हुए अपने मार्गदर्शक शिक्षक की सहायता से सम्पन्न करते है। वे अपने परिक्षेत्र् में स्थानीय समस्याओं को समझकर, विज्ञान विधि का इस्तेमाल कर, सीखने को प्रोत्साहित होते है। यह करके सीखने की प्रक्रिया है। बाल विज्ञान कांग्रेस 10 से 17 वर्ष के बच्चों को एक मंच प्रदान करता है जहॉ वे अपनी वैज्ञानिक अभिरूचि को प्रयोग, आंकडा संकलन, शोध विश्लेषण एवं नवाचारयुक्त प्र्रक्रिया से परिणाम पर पहच कर समुदाय से जुड कर कार्य करने के लिए प्रेरित होता है। बाल विज्ञान कांग्रेस के माध्यम से विद्यार्थी स्थानीय समस्याओें पर सोचने, इसके कारण को ढढने और वैज्ञानिक प्रणाली से हल करने की दिशा में आगे बढाता है।

संस्था के रजिस्ट्रार श्रीमान शरद कोठारी ने बताया कि व६ार् 2019 के लिए राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस हेतु मुख्य विषय ‘‘स्वच्छ, हरित और स्वस्थ राष्ट्र हेतू विज्ञान, तकनीक और नवाचार‘‘ निर्धारित है। राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के सतत् आयोजन का यह सत्ताईसवां व६ार् है। व६ार् 1993 से इसका प्रतिव६ार् दिसंबर के आखिरी सप्ताह में 27 से 31 दिसबंर तक 05 दिवसीय आयोजन रा६ट्रीय स्तर पर किया जा रहा है। राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का आयोजन तीन चरणों में किया जाता है। प्रथम चरण में जिला स्तर, द्वितीय चरण में राज्य स्तर व अंतिम चरण में रा६ट्रीय स्तर पर किया जाता है। प्रत्येक स्तर पर शोध परियोजनाओं के विद्यार्थियों को अधिकतम 08 मिनिट की समय अवधि में अपने कार्य को पी.पी.टी. व पोस्टर की सहायता से विशेषज्ञों के समक्ष प्रस्तुत करना रहता है। विशेषज्ञों द्वारा प्रत्येक शोध परियोजना का मूल्याकंन किया जाता है। श्रेष्ठ शोध परियोजनाओं के विद्यार्थियों को जिला स्तर से राज्य स्तर व राज्य स्तर से राष्ट्रीय स्तर पर चयनित कर, मंच प्रदान किया जाता है।

फेकल्टी ऑफ इंजिनियरिंग पेसिफिक युनिवर्सिटी के निदेशक एवं कार्यक्रम संयोजक पियुष जावेरिया ने बताया कि राज्य के जिलो से पंजीकृत कुल 1142 परियोजनाओं में से जिला स्तर पर चयनित 83 परियोजनाओं का प्रस्तुतीकरण दिनांक 7 व 8 को पेसिफिक युनिवर्सिटी, उदयपुर में किया जायेगा। इस अवसर पर नेशनल एकेडमिक कमेटी के सदस्य डॉ. सुनील दूबे बतौर पर्यवेक्षक उपस्थित रहेंगें। राज्य स्तर पर 30 परियोजनाओं का चयन निर्णायक मण्डल के सदस्यों द्वारा किया जावेगा। चयनित परियोजनाओं के विद्यार्थी 27 व 31 दिसंबर 2019 तक तिरूवंतपुरम (केरल) में राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगें।

डीन एकेडमिक्स, पेसिफिक युनिवर्सिटी डॉ. के. के. दवे ने बताया कार्यक्रम का समापन दिनांक 08 दिसंबर 2019 को किया जाएगा। समापन समारोह की मुख्य अतिथि श्रीमती मुग्धा सिन्हा, सचिव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, राजस्थान व विशिष्ठ अतिथि श्रीमती आनंदी, जिला कलक्टर, उदयपुर होगी। राष्ट्र स्तर के लिए चयनित परियोजनाओं के विद्यार्थियों को बाल वैज्ञानिकों को अतिथियों द्वारा पुरूस्कार व प्रमाण-पत्र् दिया जाकर समान्नित किया जाएगा।


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories : Headlines
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like