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केंद्र की राहत से मिलेगा संबल- जोशी

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14 May 20
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केंद्र की राहत से मिलेगा संबल-  जोशी

चित्तौड़गढ़ , वैश्विक महामारी के दौरान  पूरे भारत में जो लोक डाउन लागू किया  उस कारण  व्यापार में उद्योगों होने वाले नुकसान और आमजन  की  नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की है  ।  इससे  अब  आने वाले समय में देश  पुनः सुदृढ़ और  आत्मनिर्भर  हो सकेगा ।सांसद  प्रवक्ता रघु शर्मा ने बताया कि उक्त बात  सांसद सी.पी.जोशी ने  पैकेज घोषणा की विस्तृत जानकारी जारी होने  के बाद  टिप्पणी करते हुए । सांसद जोशी ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  द्वारा समाज के कई हिस्सों से विस्तार से चर्चा के बाद इस पैकेज का विजन रखा था और हमारा लक्ष्य आत्मनिर्भर भारत है। यह पैकेज देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए है। वित्त मंत्री के अनुसार  स्पेशल पैकेज में से लघु एवं मध्यम उद्योगों यानी एमएसएमई के लिए 3 लाख करोड़ रुपए का लोन दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह गारंटी फ्री लोन 4 साल के लिए होगा और पहले साल मूलधन नहीं चुकाना होगा।
एमएसएमई को 3 लाख करोड़ का लोन मिलेगा।लोन 4 साल के लिए और 100 फीसदी गारंटी फ्री है।उन उद्योगों को मिलेगा, जिनका बकाया लोन 25 करोड़ से कम हो और टर्नओवर 100 करोड़ से ज्यादा ना हो।10 महीने तक लोन चुकाने में छूट मिलती रहेगी।31 अक्टूबर 2020 तक ही इस लोन के लिए अप्लाई किया जा सकेगा।
किसी भी तरह का अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। 45 लाख एमएसएमई को मिलेगा फायदा होगा।20 हजार करोड़ रुपए स्ट्रेस्ड एमएसएमई को दिया।अच्छी एमएसएमई के लिए 50 हजार करोड़ का फंड ऑफ फंड बनेगा। सभी छोटे उद्योगों को शामिल किया जाएगा।माइक्रो इंडस्ट्री के लिए 25 लाख से बढ़ाकर निवेश एक करोड़ किया गया।स्माल इंडस्ट्री के लिए 10 करोड़ तक का निवेश और 50 करोड़ तक का कारोबार, मध्यम के लिए 20 करोड़ निवेश और 100 करोड़ के कारोबार को मंजूरी दी गई।लोकल उद्योगों को ग्लोबल करने के लिए 200 करोड़ रुपए से कम के ग्लोबल टेंडर के नियम को खत्म कर दिया गया यानी अब 200 करोड़ रुपए से कम का कोई टेंडर नहीं होगा।
आंशिक ऋण गारंटी योजाना में 45 लाख करोड़ रुपए का प्रावधन किया जाएगा। इसमें सरकार को 20 फीसदी का नुकसान होगा। इससे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों और आम आदमी को लोन देने में सहूलियत होगी। एनबीएफसी के लिए 30 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया।गैर बैंकिग वित्तीय कंपनियों की लिक्विडिटी की समस्या दूर करने के लिए 30 हजार करोड़ रुपए की स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम शुरू होगी।
एनबीएफसी के साथ हाउसिंग फाइनेंस और माइक्रो फाइनेंस को भी इसी 30 हजार करोड़ में जोड़ा गया है। इनकी पूरी गारंटी भारत सरकार देगी।
45,000 करोड़ रुपए की आंशिक क्रेडिट गारंटी एनबीएफसी को दी जाएगी। इसमें एए पेपर्स और इसके नीचे के रेटिंग वाले पेपर्स को भी कर्ज मिलेगा। अनरेटेड पेपर्स के लिए भी इसमें प्रावधान किया गया है। इससे नई लेंडिंग को बढ़ावा मिलेगा।पावर जनरेटिंग कंपनियों को 90 हजार करोड़ रुपए दिए जायेगे।मुश्किल में घिरी राज्यों की पावर जनरेटिंग कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए 90,000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। डिस्कॉम यानी पावर जनरेटिंग कंपनियों को इससे फायदा मिलेगा।बिजली वितरण कंपनियों की आय में भारी कमी आई है। बिजली उत्पादन और वितरण करनेवाली कंपनियों के लिए यह प्रावधान किया गया है।
90 हजार करोड़ रुपए सरकारी कंपनियों पीएफसी, आरईसी के माध्यम से दिया जाएगा। कॉन्ट्रैक्टर को 6 महीने की राहत बिना किसी शर्त के दी जाएगी। सरकारी कॉन्ट्रैक्टर्स को राहत
सभी सरकारी एजेंसियां जैसे रेलवे, रोडवेज कॉन्ट्रैक्ट में 6 महीने का एक्सटेंशन देंगी। इन 6 महीनों के दौरान कॉन्ट्रैक्टर को बिना किसी शर्त के राहत दी जाएगी।कॉन्ट्रैक्टर जो आंशिक सिक्योरिटीज देते थे, उसे वापस किया जाएगा।
मान लीजिए 70 प्रतिशत किसी ने काम किया है तो उसकी बाकी की 30 प्रतिशत गारंटी उसे वापस की जा सकती है। जितना काम होगा, उस आधार पर यह गारंटी रिलीज की जा सकती है।
पीएफ-ईपीएफ: कंपनियां पीएफ में हिस्सेदारी 12% की जगह 10% तक कर सकेंगी
सभी फर्म और कंपनियां जहां 100 से कम कर्मचारी काम करते हैं और उनकी सैलरी 15 हजार से कम है, तो उनके पीएफ का पैसा सरकार देगी। ऐसे कर्मचारियों की सैलरी का 24% हिस्सा सरकार उनके पीएफ में जमा करेगी।
अब कंपनियां कर्मचारियों के पीएफ में अपना हिस्सा 12% की जगह 10% तक कर सकेंगी।
सरकार इपीएफ कंट्रीब्यूशन को तीन महीने के लिए आगे बढ़ाया, अब अगस्त तक ईपीएफ में सरकार मदद करेगी।
सरकार 70.22 लाख कर्मचारियों की मदद के लिए 2,500 करोड़ रुपए खर्च करेगी। टीडीएस रेट में 25% की कमी, 55 हजार करोड़ का फायदा होगा।
टीडीएस की दरों में 25% की कमी की जाएगी। यह सभी पेमेंट पर लागू होगा चाहे वह कमीशन हो, ब्रोकरेज हो या कोई अन्य पेमेंट।दरों में कमी 13 मई से लागू होगी और मार्च 2021 तक रहेगी। टीडीएस कटौती से 55 हजार करोड़ रुपए का लाभ होगा।
जिनके भी रिफंड लंबित हैं, उन्हें जल्द से जल्द भुगतान किया जाएगा। छोटे उद्योग हों, पार्टनरशिप वाले उद्योग हों, एलएलपी हों, या कोई अन्य उद्योग, सभी को जल्द से जल्द भुगतान होगा।
रिफंड की गति को तेज किया जाएगा। टैक्स ऑडिट अब अक्टूबर से आगे बढेगा। अब 30 नवंबर तक आयकर रिटर्न भरा जा सकता है।
पैकेज का ऐलान आत्मनिर्भर भारत के लिए- वित्त मंत्री

निर्मला सीतारमण ने कहा- पैकेज का ऐलान आत्मनिर्भर भारत के विजन को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इसके पांच स्तंभ इकोनॉमी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, सिस्टम, डेमोग्राफी और डिमांड हैं। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब यह कतई नहीं है कि हम पृथकतावादी सोच रखते हैं। हमारा फोकस लोकल ब्रांड को ग्लोबल बनाना है। लघु उद्योगों के लिए हमने 6 बड़े कदम उठाए हैं।

डिमांड और सप्लाई चेन में समन्वय पर फोकस- अनुराग ठाकुर
केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा- कोविड-19 के तहत प्रधानमंत्री ने पहला कदम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण के तहत उठाया जो 1.70 लाख करोड़ रुपए का था। आरबीआई के जरिए लिक्विडिटी दी गई। भारत दुनिया भर के देशों में की तुलना में कोविड से बेहतर तरीके से लड़ रहा है। हम इस पर गहराई से विचार कर रहे हैं कि डिमांड और सप्लाई की चेन में समन्वय बना रहे। सांसद जोशी ने इस पैकेज के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्र सरकार का आभार प्रकट किया है।

 


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