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भागवत जीवन का दर्शन है: उत्तम स्वामी

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10 Oct 20
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भागवत जीवन का दर्शन है: उत्तम स्वामी

बांसवाड़ा /भागवत ग्रन्थ हमेशा सत्कर्म सिखाता है। सत्कर्म से प्रभु प्राप्ति का मार्ग सुगम होता। प्रभु को प्राप्ति के लिए बुद्धि नहीं, आत्मिक शुद्धि चाहिए। आज पुरुषोत्तम मास में उत्तम सेवाधाम हरिद्वार में ध्यान योगी महर्षि उत्तम स्वामी जी ने भागवत कथा के प्रथम दिवस पर सम्बोधित कर कहा. कि भागवत कथा जीवन के लिए अमृत है। भागवत मन को निर्मल करती है तभी परमात्मा की प्राप्ति हो सकती है। जीवन का दर्शन भागवत सिखाती है। पाप का मूल छल है। प्रभु प्राप्ति का मार्ग छल-कपट रहित निर्मल मन है। भागवत ग्रन्थ मानव की ग्रन्थियों को मिटाने का काम करता है।
भावों को शुद्ध करते हुए चित्त की शुद्धि करके सेवा, समर्पण, त्याग, ज्ञान, भक्ति सिखाकर ईश्वर में समाहित हो जाना ही भागवत है। नाचने वाले बॉलीवुड के कलाकारों को आज के बच्चे अपने आदर्श क्यों मानते? बच्चों को टीवी मोबाइल के मायाजाल से दूर रखें। हमारे आदर्श, विवेकानन्द, महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, हो तो ही देश का और आपके परिवार का हित होगा।
पुरुषोत्तम मास में देश भर में 11 लाख हनुमान चालीसा का पाठ जारी
ध्यान योगी महर्षि उत्तम स्वामी जी के आह्वन पर पूरे पुरुषोत्तम मास में देश भर में 11 लाख हनुमान चालीसा का पाठ और उत्तम सेवाधाम में साधुओं का भंडारा जारी है। कथा के यजमानों में श्रीमती श्रद्धा शर्मा, अमित पुण्डीर, व्रजेन्द्र कुमार पौराणिक, अमित राणा, मयंक राघव, मयूर राघव, मृणाल राघव, सुश्री परी सोमय्या केवट आदि ने ग्रन्थ और गुरु की पूजा की। यह जानकारी भक्त मंडल के मीडिया प्रभारी चन्द्रशेखर मेहता ने दी। गेबिनाथ मठ कुक्षी के राम दास त्यागी द्वारा संकल्पित 108 में से 95वीं कथा का आयोजन आज हरिद्वार में प्रारम्भ हुआ।


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