उदयपुर। अपने अवार्ड विनिंग मूवमेंट शेयर द लोड के जरिए वर्ष 2॰15 से एरियल घरों के भीतर असमानता की वास्तविकता का पता लगा रहा है। एरियल ने भारत में लिंग असमानता की व्यापकता और बेटों से भार बाँटने की आवश्यकता पर चर्चा की। इस परिचर्चा में 1॰॰ से अधिक मम्मी ब्लॉगर्स और मीडिया की उपस्थिति रही। इस पैनल में शामिल अभिनेता राजकुमार राव, पत्रलेखा, निर्देशक गौरी शिंदे, बीबीडीओ हेड जोसी पॉल, पी एंड जी इंडिया की विपणन निदेशक सोनाली धवन ने घरों के भीतर असमानता पर सुखद बातचीत के साथ ही अपने व्यक्तिगत अनुभवों को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि आज के बदलते समय में ज्यादातर पुरुष पहले से कहीं ज्यादा बोझ साझा कर रहे हैं, इसके बावजूद हम समानता के आदर्श स्तर से काफी आगे चल रहे हैं।
यह पैनल एरियल की नवीनतम फिल्म द संस शेयर द लोड में भी गहराई से उतरा, जो इस दिशा में एक और प्रासंगिक सवाल उठाती है - क्या हम अपने बेटों को सिखा रहे हैं और हम अपनी बेटियों को क्या सिखा रहे हैं?- यह फिल्म आज की पीढी की माताओं से बराबरी की पीढी को बढाने का आग्रह करती है। शेयर द लोड के रिलीज किए गए नए संस्करण के जरिए, कई माता-पिता, नवविवाहित जोडों, प्रभावितों के साथ प्रतिध्वनित हुआ है और इसे देशभर में दर्शकों से जबरदस्त समर्थन और प्रशंसा मिल चुकी है। बता दें कि फिल्म 24 जनवरी, 2॰19 को रिलीज हुई और अब तक 15 मिलियन व्यूज बटोर लिए हैं।
द संस शेयर द लोड फिल्म की निदेशक गौरी शिंदे ने कहा कि शेयर द लोड आंदोलन समय की जरूरत है, यह एक ऐसी बातचीत है, जो समाज में दिखने वाली लैंगिक असमानता में एक स्पष्ट अंतर लाने का काम कर रही है। इस फिल्म के साथ हमने इस पीढी की माताओं की भूमिका को रेखांकित किया है ताकि जैसे वे अपनी बेटियों की परवरिश कर रही हैं वैसे ही अपने बेटों की परवरिश भी करें। सोनाली धवन, विपणन निदेशक, पी एंड जी इंडिया, और फैब्रिक केयर ने कहा कि शेयर द लोड केवल एक नियमित अभियान नहीं है, यह सामाजिक परिवर्तन के लिए एक आंदोलन है, जहाँ पुरुषों और महिलाओं की समान जिम्मेदारियां और समान स्वामित्व है। लॉन्ड्री लगभग उस बदलाव का चेहरा है जिसे हम देश भर में चलाने की कोशिश कर रहे हैं। एरियल के साथ, कपडा धोना इतना सरल है कि किसी के लिए लोड साझा नहीं करने का कोई कारण ही नहीं बनता।