बांसवाड़ा, जिला मुख्यालय स्थित श्यामपुरा वन अब प्रकृति शिक्षा केन्द्र और बटरफ्लाई पार्क के रूप में विकसित होगा। इस संबंध में मुख्य वन संरक्षक राहुल भटनागर ने बांसवाड़ा यात्रा के दौरान गुरुवार को श्यामपुरा वन के निरीक्षण के दौरान वन विभाग को प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। एसीएफ शैदा हुसैन ने मुख्य वन संरक्षक राहुल भटनागर को वन का अवलोकन करवाया। मुख्य वन संरक्षक ने कहा कि श्यामपुरा प्रकृति शिक्षा का केन्द्र बनेगा। भटनागर ने वॉटर पोंड बनाने की आवश्यकता जताई। इस अवसर पर जयसंमद रेंजर महेन्द्र सिंह चुंडावत भी मौजुद थे।
श्यामपुरा वनक्षेत्र समृद्ध
मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) ने श्यामपुरा वन क्षेत्र के अवलोकन के दौरान कहा कि शहर के बीच स्थित श्यामपुरा वन क्षेत्र बहुत ही समृद्ध है और इसे बच्चों के लिए प्रकृति शिक्षा के केन्द्र के रूप में विकसित किए जाने की प्रबलतम सम्भावनाएँ हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए वन विभाग और जिला प्रशासन द्वारा प्रयास किए जाएँगे। उन्होंने संपूर्ण श्यामपुरा वन का अवलोकन किया। तथा यहां की जैव विविधिता की समृद्धता को जानकर खुशी जताई। सहायक वनसंरक्षक शैदा हुसैन भटनागर को वन क्षेत्र का अवलोकन कराया।
बटरफ्लाई पार्क के रूप में होगा विकसित
श्यामपुरा वन के निरीक्षण दौरान सहायक निदेशक और वागड़ नेचर क्लब के कमलेश शर्मा ने इस वन खंड में गत दिनों एक सर्वे दौरान दो घंटो के भीतर 38 प्रजातियों की तितलियों को देखा गया है और यहाँ पर बटरफ्लाई पार्क बनाया जा सकता है। भटनागर ने कहा कि यहाँ की जैव विविधता को देखते हुए बटरफ्लाई पार्क सम्भव है। उन्होंने यहाँ पर नमी विकसित करने तथा वॉटर पोंड बनाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने एक्सपर्ट की राय अनुसार प्रस्ताव तैयार कर भिजवाने के निर्देश दिए।
उल्लेखनीय है कि गत दिनों जयपुर यात्रा के दौरान पर्यटन उन्नयन समिति के संरक्षक जगमाल सिंह तथा सहायक निदेशक कमलेश शर्मा ने राजस्थान के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जी.वी रेड्डी न को श्यामपुरा वन क्षेत्र बटर फलाई पार्क स्थापित होने की संभावनाएं बताते हुए पार्क स्थापित करने का आग्रह किया था।
स्मृति चिह्न भेंट किया
बांसवाड़ा जिले में पहली बार आयोजित बांसवाड़ा बर्ड फेस्टिवल का स्मृति चिह्न सहायक निदेशक कमलेश शर्मा द्वारा भेंट किया गया। इस आयोजन के सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त कर शुभकामनाएं प्रेषित की।
एक्सपर्ट व्यू
राजस्थान में पाई जाने वाली तितलियों पर पिछले बारह वर्षों से शोध कर रहे बटरफ्लाई एक्सपर्ट मुकेश पंवार का मानना है कि बांसवाड़ा जिला मुख्यालय पर स्थित श्यामपुरा वन क्षेत्र अपने-आप में एक नेचुरल बटरफ्लाई पार्क है और इसे अपने मूल स्वरूप में ही संरक्षित किए जाने पर यहां और भी अधिक तादाद में तितलियों की प्रजातियां आकर्षित की जा सकती हैं। श्यामपुरा वन क्षेत्र में स्थानीय घास, झाड़ियां और पेड़-पौधे इन तितलियों और शलभ को बेहद पसंद आते हैं और इनके कारण ये यहां पर इतनी बड़ी तादाद में पाई गई हैं। यहां पर अकेसिया कटेचु, कपेरिस और ड्रेगिया वेजुबिलीयम वनस्पति के साथ बेर, इमली, रोंज, खेजड़ी, कड़ा व कड़ई के पेड़-पौधों की अधिकता है और तितलियों, हनी बी व शलभ के लिए यह बहुत ही उपयुक्त है।
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