हिरणमगरी स्थित राजकीय सैटेलाइट अस्पताल, उदयपुर ने मातृत्व सेवाओं हेतु राष्ट्रीय स्तर का “लक्ष्य” प्रमाणन प्राप्त किया है। यह प्रमाणीकरण प्राप्त करने वाला उदयपुर का पहला राजकीय अस्पताल बन गया है।
अधीक्षक डॉ राहुल जैन ने बताया कि 17 अक्टूबर को दिल्ली से आई दो विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम डॉक्टर सीमा चोपड़ा एवं डॉक्टर प्रीति मदान ने अस्पताल का विस्तृत मूल्यांकन किया था। टीम ने अस्पताल के बुनियादी ढांचे, उपकरणों, मानव संसाधन, गुणवत्ता प्रक्रियाओं और प्रसुता महिलाओं की सम्मानजनक देखभाल से जुड़े मानकों की गहन समीक्षा की। मूल्यांकन टीम ने अस्पताल की स्वच्छता व्यवस्था, लेबर रूम, जनाना वार्ड, ऑपरेशन थिएटर, प्रयोगशाला की कार्यकुशलता, गुणवत्ता, चिकित्सक, नर्सिंग अधिकारियों एवं स्टाफ की कार्य दक्षता और मरीजों व परिजनों से लिए गए प्रतिक्रिया के आधार पर रिपोर्ट तैयार की थी।
’ऑनलाइन क्यूआर कोड फीडबैक प्रणाली, शौचालय की सफ़ाई हेतु क्यूआर कोड द्वारा निगरानी, सेतु रेफरल सिस्टम’ व प्रतिदिन कलर कोड अनुसार बेडशीट बदलना की भी सराहना की गई। चिकित्सालय में प्रतिदिन 3-5 डिलीवरी होती है सीमित संसाधनों के बावजूद गुणवत्तापूर्ण सेवा देना अस्पताल की प्राथमिकता रही है। चिकित्सालय में दो स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अनुज शर्मा एवं डॉक्टर संगीता कार्यरत है। उक्त निरीक्षण कार्य इन्हीं की निगरानी में सम्पन्न हुआ था।
राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएसए) के तहत प्रमाणित संस्थानों को 6 लाख रुपये का वार्षिक आर्थिक प्रोत्साहन आगामी तीन वर्षों तक प्रदान किया जाता है। हिरणमगरी सैटेलाइट अस्पताल को यह प्रमाणीकरण मिलने से उदयपुर जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में नई पहचान मिलेगी, स्वच्छ एवं गुणवत्तापूर्ण सुविधाएँ और अन्य सरकारी संस्थानों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा।
’क्या है “लक्ष्य” (स्ंफेलं) कार्यक्रम’
“लक्ष्य” यानी लेबर रूम क्वालिटी इम्प्रुवमेन्ट इनिशेटिव भारत सरकार का एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य प्रसूति एवं नवजात सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ाना, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करना तथा मरीजों को सम्मानजनक देखभाल प्रदान करना है। इस प्रमाणन के लिए अस्पतालों का मूल्यांकन बुनियादी ढाँचा, स्वच्छता, स्टाफ प्रशिक्षण, मरीजों के अनुभव और गुणवत्ता मानकों के आधार पर किया जाता है। प्रमाणन प्राप्त संस्थानों को आर्थिक प्रोत्साहन और राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी जाती है। हमारी टीम ने मातृत्व सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने के लिए लगातार मेहनत की है। आने वाले समय में हम लैप्रोस्कोपिक सर्जरी जैसी उन्नत सुविधाएँ भी शुरू करेंगे, ताकि मरीजों को और बेहतर उपचार मिल सके।” चिकित्सालय में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग द्वारा प्रतिमाह लगभग 130 डिलीवरी वह लगभग 60 मेजर ऑपरेशन (हिस्टरेक्टमी, सीज़रियन इत्यादि) प्रतिमाह होते हैं।
निरीक्षण के दौरान अधीक्षक डॉक्टर राहुल जैन, डॉक्टर देवेश गुप्ता प्रमुख चिकित्साधिकारी, डॉक्टर नरेंद्र देवल उप नियंत्रक, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अनूज शर्मा, डॉक्टर संगीता, डॉक्टर सीमा जैन ऑपरेशन थियेटर प्रभारी, रतनलाल सोलंकी नर्सिंग अधीक्षक, श्री रमेश आमेटा नर्सिंग अधीक्षक उपस्थित थे।