भारतीय रिजर्व बैंक के गर्वनर श्री संजय मल्होत्रा ने कहा कि ग्राहकों से ही बैंक का अस्तित्व है। इसलिए बैंकर्स को चाहिए कि वे ग्राहक हित को सर्वोपरि रखते हुए कार्य करें और अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति तक वित्तीय समावेशन का लाभ पहुंचाने में सक्रिय भूमिका निभाते हुए विकसित भारत के संकल्प को साकार करने में योगदान दें।
श्री मल्होत्रा अपने उदयपुर प्रवास के तहत शनिवार को भुवाना स्थित सॉलिटेयर गार्डन एंड बैंक्वेट में भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से वित्तीय क्षेत्र में अदावाकृत संपत्ति के निपटान के लिए आपकी पूंजी आपका अधिकार अभियान के तहत आयोजित विशेष कैंप को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में क्षेत्रीय निदेशक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया श्री नवीन नाम्बियार, भारतीय स्टेट बैंक के उप प्रबंध निदेशक (संचालनचैनल प्रबंधन) श्री शिवा ओम दीक्षित, बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. देबदत्त, डीएमडी भारतीय स्टेट बैंक जीएस राणा तथा संभागीय आयुक्त सुश्री प्रज्ञा केवलरमानी भी बतौर अतिथि मंचासीन रही।
आरबीआई गर्वनर श्री मल्होत्रा ने कहा कि आरबीआई की ओर से जो भी नियम-कायदे बनाए जाते हैं, वह ग्राहकों की सुविधा को ध्यान में रखकर बनाए जाते हैं। बैंकर्स को चाहिए कि वे उन नियमों की सही व्याख्या करते हुए यथासंभव ग्राहकों को राहत उपलब्ध कराएं। उन्होंने बताया कि बैंकिंग अब सुविधा नहीं आवश्यकता का रूप ले चुकी है। आज से 30 साल पहले तक हम साक्षरता की बात करते थे। 11 साल पहले प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की पहल पर सभी के लिए बैंक खाता खुलवाने की जनधन खाता मुहिम चली और अब हम डिजिटल साक्षरता पर बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में राजस्थान में 100 प्रतिशत लोग नेट बैंकिंग, मोबाइल एप अथवा युपीआई के माध्यम से डिजिटल साक्षरता से जुड़े हुए हैं। इसके साथ ही हमें डिजिटल फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट जैसे साइबर अपराधों से भी सावधान रहने की आवश्यकता है।
श्री मल्होत्रा ने आपकी पूंजी आपका अधिकार अभियान के बारे में बताते हुए कहा कि देश भर में करोड़ों बैंक खाते ऐसे हैं, जिनमें करोडों रूपए की राशि पड़ी है, जिस पर किसी प्रकार का दावा नहीं हो रहा है। इनमें सरकारी खातों के अलावा आमजन के खाते अधिक हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पूर्व में कई लोग बैंक खाता खुलवाकर उसमें रकम जमा कराते थे, लेकिन बाद में उनकी मृत्यु होने तथा परिवारजनों को इसकी जानकारी नहीं होने से वह राशि खातों में ही रह जाती है। आरबीआई के माध्यम से इसी राशि को संबंधित हकदार तक पहुंचाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में विभिन्न स्थलों पर शिविर आयोजित कर लोगों को जागरूक करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने आमजन से खातों के प्रति जागरूक रहकर अपनी अदावाकृत संपत्ति को प्राप्त करने का आह्वान किया। उन्होंने बैंकिंग सेवाओं की पहुंच दूरदराज तक सुनिश्चित करने के लिए बैंक बीसी की संख्या बढ़ाने तथा स्वयंसहायता समूह की महिलाओं को बैंक सखी के रूप में जोड़ने का भी आह्वान किया।
कार्यक्रम में उप प्रबंध निदेशक (संचालन-चैनल प्रबंधन) श्री शिवा ओम दीक्षित, बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. देबदत्त ने भी विचार व्यक्त करते हुए बैंकर्स की ओर से आरबीआई गर्वनर को आपकी पूंजी आपका अधिकार अभियान को सफल बनाने का विश्वास दिलाया। प्रारंभ में बैंक ऑफ बड़ौदा के महाप्रबंधक श्री एम. अनिल ने गर्वनर सहित सभी अतिथियों का स्वागत किया। आरबीआई जयपुर के उपमहाप्रबंधक विकास अग्रवाल, अग्रणी जिला प्रबंधक संजय गुप्ता, एसबीआई के वरिष्ठ अधिकारी राजेश जैन सहित बड़ी संख्या में बैंक अधिकारी उपस्थित रहे। संचालन धर्मवीर भाटिया ने किया। अंत में भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य महाप्रबंधक, सुश्री मेरी सगस्या डी ने आभार व्यक्त करते हुए बताया कि इस अभियान के अंतर्गत प्रदेशभर में 31 दिसंबर 2025 तक चरणबद्ध रूप से प्रत्येक जिले में जागरूकता एवं सहायता शिविर आयोजित किये जाएँगे ताकि अधिक से अधिक नागरिक इस जनकल्याणकारी पहल का लाभ उठा सकें।
बैंक स्टाल्स का अवलोकन
कार्यक्रम स्थल पर बैंकों, स्वयं सहायता समूहों, सीएफएल, आरसेटी, आरबीआई, बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट्स, सेबी और आईआरडीएआई के स्टाल्स लगाए गए। आरबीआई गर्वनर सहित अन्य अतिथियों ने इन स्टाल्स का अवलोकन कर संपादित किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी दी। साथ ही आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
लाभार्थियों को प्रमाण पण व चेक वितरित
कार्यक्रम के तहत पीएमएसबीवाई पीएमजेजेबीवाई के लाभार्थियों को चेक वितरण, अटल पेंशन योजना में पंजीकृत व्यक्तियों को पीआरएएन, अदावाकृत जमा के लाभार्थियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए। अग्रणी जिला प्रबंधक श्री गुप्ता ने बताया कि उदयपुर में आयोजित शिविर के दौरान अनक्लेम्ड अमाउंट के 48 खातों में 3.47 करोड़ रूपए का निस्तारण किया गया। इसी प्रकार पीएमजेजेबीवाई के 14 लाभार्थियों को 28 लाख, पीएमएसबीवाई के 6 लाभार्थियों को 12 लाख तथा स्वनिधि योजना के 3 लाभार्थियों को कुल 45 हजार रूपए के चेक प्रदान किए गए।