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सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा योजना

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31 Oct 25
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उदयपुर,प्रदेश सरकार के देवस्थान विभाग की सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा योजना के तहत देश में लद्दाख स्थित सिन्धु दर्शन यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों को यात्रा पूर्ण करने के पश्चात् अधिकतम 15 हजार रूपए प्रति यात्री आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इस योजना के तहत आवेदक को 31 अक्टूबर 2025 तक उक्त यात्रा सम्पन्न करते हुए 31 दिसम्बर 2025 तक लिखित आवेदन संबंधित सहायक देवस्थान विभाग कार्यालय में प्रस्तुत करना है जिससे आर्थिक सहायता का लाभ प्राप्त किया जा सके।  

सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा योजना हेतु पात्रता-
देवस्थान आयुक्त कन्हैया लाल स्वामी के अनुसार सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा योजना के लिए तीर्थयात्री का राजस्थान का मूल निवासी होना आवश्यक है उम्र 21 वर्ष से कम ना हो। तीर्थयात्री को यात्रा स्वयं के स्तर पर लद्दाख स्थित सिन्धु दर्शन कर सम्पन्न करने पश्चात् वास्तविक व्यय का प्रमाण पत्र टिकट, रसीदें आदि प्रस्तुत करना होगा। देवस्थान विभाग द्वारा उक्त तीर्थयात्रा पर अधिकतम 15 हजार रूपए प्रति तीर्थयात्री की आर्थिक सहायता का प्रावधान है। इस यात्रा के लिए आर्थिक सहायता का लाभ प्रदेश के 200 तीर्थयात्रियों को प्रदान किया जाता है अधिक आवेदन प्राप्त होने पर चयन लॉटरी द्वारा किया जाता है।
देवस्थान अतिरिक्त आयुक्त गितेश श्री मालवीया ने बताया कि प्रदेश सरकार की सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा योजना के संबंध में जागरूकता के अभाव में तीर्थयात्री आर्थिक सहायता लाभ से वंचित रह जाते हैं अतः सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रियों को जागरूक होकर आर्थिक सहायता के लाभ के लिए आवेदन करना चाहिए। सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी देवस्थान विभाग की वेबसाईट कमअेंजींदण्तंरेंजींदण्हवअण्पद  पर उपलब्ध है।

सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा परिचय-
देवस्थान अतिरिक्त आयुक्त गितेश श्री मालवीया ने बताया कि सिन्धु दर्शन तीर्थयात्रा योजना लेह-लद्दाख में सिन्धु नदी तक यात्रा का कार्यक्रम है। यहां सामान्यतः गुरू पूर्णिमा के निकट जून माह के दौरान 3 दिन तक सिन्धु दर्शन उत्सव मनाया जाता है। इस यात्रा का उद्देश्य यात्रियों को देश के उत्तरी सीमान्त क्षेत्र में सिन्धु संस्कृति से परिचित कराना है। सिन्धु दर्शन उत्सव सिंधु नदी और सैंधव संस्कृति का उत्सव है यह सांप्रदायिक सौहार्द्ध और भारत की एकता के प्रतीक के रूप में आयोजित किया जाता है।


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