उदयपुर। प्रदेश में 29 मई, गुरुवार से 12 जून तक विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत किसानों से कृषि वैज्ञानिक रूबरू होंगे। केन्द्र सरकार की पहल पर कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डीआरई), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) एवं कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त प्रयासों से देश के सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में 15 दिन तक यह अभियान चलेगा।
राजस्थान में अभियान की कमान डॉ. जे.पी. मिश्रा निदेशक आईसीएआर, अटारी-जोधपुर को सौंपी गई है। आदिवासी और खासकर भौगोलिक रूप से चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में जाकर कृषि वैज्ञानिक क्षेत्रीय खरीफ फसलों से जुड़ी आधुनिक तकनीकों, मृदा स्वास्थ्य कार्ड के उपयोग, विभिन्न सरकारी योजनाओं, नीतियों एवं कृषि में नवाचार से अवगत कराएंगे।
महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने बताया कि कृषि विज्ञान केन्द्र बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद, वल्लभनगर और केवीके बड़गांव के कृषि वैज्ञानिक 126 ब्लॉक के 550 गांवों में किसानों से सीधा संवाद कर खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि और गुणवत्ता पर जानकारी देंगे। इस अवसर पर प्रसार शिक्षा निदेशालय के अधीन 9 केवीके के माध्यम से विविध गतिविधियां भी आयोजित की जाएंगी।
इन बिन्दुओं पर रहेगा फोकस-
प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. आर.एल. सोनी ने बताया कि अभियान के दौरान प्रमुख खरीफ फसलों की आधुनिक कृषि पद्धतियों के बारे में किसानों के बीच जागरूकता, सरकारी योजनाओं और नीतियों, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, रासायनिक उर्वरकों के विवेकपूर्ण और उचित उपयोग के बारे में जागरूकता फैलाने पर फोकस रहेगा।
विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक टिकाऊ खेती में मृदा प्रबंधन, खरीफ फसलों की उन्नत किस्मों की जानकारी, उत्पादन तकनीक, आजीविका सुरक्षा हेतु फसल विविधिकरण आदि विषयों पर व्याख्यान देंगे। इस मौके पर प्रसार शिक्षा निदेशालय की ओर से ’विकसित कृषि संकल्प अभियान’ मार्गदर्शिका का वितरण भी किया जाएगा।