उदयपुर। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि पर मंगलवार को "रक्षाबंधन" धानमंडी स्थित कांग्रेस मीडिया सेंटर में श्रद्धांजलि सभा एवं विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं प्रवक्ता पंकज कुमार शर्मा ने नेहरू जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके बाद आयोजित संगोष्ठी में उन्होंने पंचशील सिद्धांतों की विस्तृत व्याख्या की और बताया कि किस प्रकार ये सिद्धांत भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की नींव बने।
शर्मा कहा, इन सिद्धांतों का उद्देश्य था कि विश्व में शांति बनी रहे और राष्ट्रों के बीच सहयोग व सौहार्द का वातावरण बना रहे। पंचशील की नीति ने भारत को गुटनिरपेक्ष आंदोलन की ओर अग्रसर किया और यह बताया कि भारत किसी भी शक्ति समूह का हिस्सा न बनकर स्वतंत्र और निष्पक्ष नीति अपनाएगा। "नेहरू जी का पंचशील सिर्फ कूटनीतिक मूल्यों की बात नहीं करता, बल्कि यह शांति, सह-अस्तित्व और वैश्विक सहयोग की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आज के वैश्विक परिदृश्य में इन सिद्धांतों की प्रासंगिकता और भी अधिक बढ़ गई है।"देश के विकास में उनके पंचशील के सिद्धांत नींव का पत्थर साबित हुए! उन्होंने देश में आईआईटी, आईआईएम ,भाखड़ा नांगल बांध जैसे जैसे बड़े प्रोजेक्ट की नींव रखी!
संगोष्ठी में अशोक तंबोली, फिरोज अहमद शेख, गोविन्द सक्सेना,संजय मंदवानी, नरेंद्र सर्राफ, नरेश स्वामी, नरेश साहू, देवीलाल साहू, लता अहारी, भरत अहारी, मोहन मेघवाल,नारायण शर्मा, निजाम , उस्मान,और सज्जाद भाई सहित कई स्थानीय बुद्धिजीवियों एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। वक्ताओं ने नेहरू जी के विचारों को आज की सामाजिक और राजनीतिक चुनौतियों में फिर से आत्मसात करने की आवश्यकता पर बल दिया।