आधा किलोमीटर लंबी बारात में पंद्रह घोडे और पांच बग्गिया
उदयपुर। हर आंखों में खुशी के आंसू। जैसी कल्पना भी नहीं की थी उससे कई गुना बेहतर विवाह और विवाह के इंतजाम। करीब आधा किलोमीटर लंबी बारात। जिसमें 15 घोडे, पांच बग्गी, दो बैंडबाजा और एक डीजे साउंड शामिल थे। सामूहिक विवाह में जगह-जगह स्वागत सत्कार पाकर बाराती भी अभिभूत हो गए। श्री एकलिंगनाथ राष्ट्रीय सेवा संगठन की ओर से शनिवार को प्रथम सर्व समाज सामूहिक विवाह समारोह के यह दृश्य थे।
पिछले कई दिनों से इस सामूहिक विवाह को लेकर तैयारियां चल रही थी और आज जब विवाह का मौका आया तब आयोजकों के साथ बाराती और घराती सभी खुश दिखे। एक दुल्हन ने कहा कि हम ऐसी जोरदार शादी के बारे में सोच भी नहीं सकते थे। सारी तैयारियां इतनी बेहतर रही कि हम लाखों रुपए खर्च करके भी ऐसे इंतजाम नहीं कर सकते थे। इसके लिए श्री एकलिंगनाथ राष्ट्रीय सेवा संगठन के संस्थापक अध्यक्ष आकाश बागडी का बारातियों की ओर से दो जगहों पर स्वागत अभिनंदन किया गया।
सामूहिक विवाह समारोह की बारात शाम साढे पांच बजे बोहरा गणेशजी मंदिर से प्रारंभ हुई जो संत तेरेसा स्कूल मार्ग, यूनिवरसिटी रोड, बेकनी पुलिया, आयड होते हुए महासतिया चौराहे पर सत्यम गार्डन पहुंची जहां बारातियों का स्वागत अभिनंदन किया गया। रास्ते भर में वर वधू पक्ष के लोग नाचते झूमते रहे। मार्ग में जगह-जगह विभिन्न संगठनों की ओर से एकलिंगनाथ संगठन के कार्यकर्ताओं व बारातियों का स्वागत किया गया। सत्यम गार्डन में तोरण की रस्म के पश्चात वरमाला कार्यक्रम हुआ और उसके बाद फेरो की रस्म पुरी हुई। बारात रवानगी से पूर्व संगठन के संस्थापक अध्यक्ष आकाश बागडी, संरक्षक विनोद पांडे व निर्मल कुमार पंडित, प्रदेश अध्यक्ष दीपक मेनारिया, महिला प्रदेश अध्यक्ष सोनिका जैन आदि ने बोहरा गणेशजी की पूजा अर्चना कर उन्हें प्रथम न्यौता दिया। इसके बाद बारात रवाना हुई। वैवाहिक कार्यक्रमों के बाद सांस्कृतिक संध्या व भजन संध्या भी हुई जिसमें राजस्थानी कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दी।
श्री एकलिंगनाथ राष्ट्रीय सेवा संगठन के संस्थापक अध्यक्ष आकाश बागडी ने बताया कि राजस्थान का यह पहला ऐसा सामूहिक विवाह समारोह हुआ जिसमें सर्व समाज के जोडे भाग शामिल हुए। यह विवाह पूरी तरह दहेज मुक्त व आडबंर रहित रहित रहा। विवाह की सारी व्यवस्थाएं संगठन की ओर से की गई।
30 साल का एग्रीमेंट
बागडी ने बताया कि दुल्हा व दूल्हन से 30 साल का एग्रीमेंट किया गया है कि वे इस अवधि में आपसी विवाद होने पर कोर्ट या थाना जाने की बजाए पहले संगठन से चर्चा करेंगे। संगठन की ओर से दोनों की दो बार काउंसलिंग होगी और उसके बाद भी बात नहीं बनती है तो दूल्हा पक्ष एक लाख रुपए दुल्हन पक्ष को देकर अपनी आगे की कार्रवाई कर सकते हैं