उदयपुर। प्राकृत भाषा विकास फाउंडेशन एवं अखिल भारतीय दिगंबर जैन शास्त्री परिषद के तत्वावधान में प्राकृताचार्य सुनील सागर महाराज के आशीर्वाद एवं निर्देशन में उदयपुर संभाग के विभिन्न मंदिरों में प्राकृत विद्या शिक्षण शिविर का हर्षाेल्लास के साथ भव्य शुभारंभ हुआ।
शिविर संयोजक रितेश जैन ने बताया कि शिविर में सभी समाजजनो के लिए बाहर से पधारे विद्वानों द्वारा प्राकृत भाषा का प्रारंभिक ज्ञान,जैन संस्कार एवं प्राकृत के नीति ग्रंथों आदि का शिक्षण कराया जा रहा है जिसमें 1200 शिविरार्थी अत्यंत उत्साहपूर्वक प्राकृत भाषा का ज्ञानार्जन कर रहे हैं।
शिविर के आयोजन मे निदेशक डॉ उदयचंद जैन,डॉ ज्योतिबाबू जैन,राष्ट्रीय संयोजक डॉ आशीष जैन आचार्य शाहगढ़ द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन की जा रही है। श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर सेक्टर 4 में आज प्रातः 8.30 बजे पंचामृत अभिषेक एवं शांतिधारा के पश्चात प्राकृत विद्या शिक्षण शिविर का भव्य उद्घाटन झमकलाल अखावत एवं महामंत्री सुंदरलाल लुणदिया के मार्गदर्शन में हुआ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि नाथूलाल खलुडिया एवं विशिष्ट अतिथि के रुप में डॉ.उदयचंद जैन थे। ऋषभ रत्नावत एवं अमृत टीमरवा ने बताया कि मंदिर कमिटी एवं आमंत्रित अतिथियों द्वारा चित्र अनावरण,दीप प्रज्ज्वलन एवं मंगल कलश स्थापना कर शिविर का उद्घाटन किया गया। शिविर का समय प्रातः 8 से 10 बजे एवं रात्रि 7 से 9 बजे रहेगा।
शिविर में शिक्षण हेतु सागर से आये विद्वान साहित्यचार्य डॉ.अनिल शास्त्री एवं उपेंद्रकुमार शास्त्री ने शिविर के महत्व एवं प्राकृत भाषा की प्रासंगिकता पर शिविरार्थियांे को जानकारी दी।