सौभागपुरा स्थित हाड़ीरानी शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय में विद्यार्थियों द्वारा जल संरक्षण को लेकर एक अभिनव प्रयोग प्रस्तुत किया गया। पौधों की सिंचाई के दौरान यह डेमोंस्ट्रेशन किया गया कि यदि गमलों की मिट्टी पर नारियल की छाल बिछा दी जाए, तो इससे पानी की खपत में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है। नारियल की छाल मिट्टी में नमी को अधिक समय तक बनाए रखती है, जिससे सिंचाई की आवश्यकता कम हो जाती है और जल की बचत होती है।
यह व्यावहारिक गतिविधि विद्यार्थियों द्वारा महाविद्यालय परिसर में संपन्न की गई, जिसमें जल संरक्षण के प्रति जागरूकता और स्थायी विकास की दिशा में प्रयासों को बल दिया गया। डेमोंस्ट्रेशन के दौरान महाविद्यालय की प्राचार्य डा. रश्मि कुमावत, व्याख्याता अनीता जाट, भर्ती वर्मा तथा मनोज शेखावत की सक्रिय उपस्थिति रही। साथ ही विद्यार्थियों में सुरजीत दहिया, जयंती लाल, कुना राम, मुकेश कुम्हार और रमेश यादव ने इस नवाचार में भाग लिया।
इस संपूर्ण गतिविधि का निर्देशन भारतीय शिक्षण परिषद सुभाष के डा. नगेंद्र प्रसाद शर्मा एवं डा. पी.सी. जैन के मार्गदर्शन में हुआ, जिनके सहयोग से इस शैक्षिक प्रयोग को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया।
यह डेमोंस्ट्रेशन इस बात का उदाहरण है कि छोटे-छोटे प्रयासों से भी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा योगदान दिया जा सकता है।