उदयपुर, महाराणा प्रताप जयंती की पूर्व संध्या पर "सजीव सेवा समिति" द्वारा प्रदान किए जाने वाले प्रतिष्ठित महाराणा प्रताप सम्मान के 26वें संस्करण के लिए इस वर्ष प्रसिद्ध वैज्ञानिक और जैन दर्शन निष्णात डॉ एन. एल. कच्छारा को चुना गया है। यह सम्मान समारोह 28 मई 2025 को विज्ञान समिति, उदयपुर में आयोजित किया जाएगा।
समिति के महासचिव शांतिलाल भंडारी ने जानकारी दी कि चयन समिति की बैठक आज विज्ञान समिति में समिति अध्यक्ष डॉ के. एल. कोठरी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में सातों चयनकर्ताओं ने सभी अनुशंसित नामों पर विस्तृत विचार-विमर्श कर सर्वसम्मति से डॉ कच्छारा के नाम को अंतिम रूप दिया।
यह सम्मान उन व्यक्तियों को प्रदान किया जाता है जिनके कार्यों से समाज को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से लाभ पहुंचा हो। पंडित जनार्दन राय नागर और बृजराज सिंह चौहान इस सम्मान के पहले प्राप्तकर्ता रहे हैं।
समिति के मीडिया प्रभारी प्रोफेसर विमल शर्मा ने बताया कि सजीव सेवा समिति एक स्वैच्छिक संस्था के रूप में कार्यरत है। संस्था का प्रमुख उद्देश्य हल्दीघाटी क्षेत्र के आसपास निवास करने वाले आदिवासी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उन परिवारों के कल्याण हेतु कार्य करना है, जिनके पूर्वजों ने महाराणा प्रताप के साथ मिलकर हल्दीघाटी के युद्ध में भाग लिया था।
1986 से लगभग 20 वर्षों तक उदयपुर से हल्दीघाटी तक “प्रताप स्मृति पर्यावरण चेतना पदयात्रा” का आयोजन किया गया, जिसमें शहर और गांवों के हजारों लोगों ने भाग लिया। इस यात्रा ने महाराणा प्रताप के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस पदयात्रा का ही परिणाम रहा कि शाहीबाग (हल्दीघाटी) स्थित वन विभाग की पहाड़ी पर “प्रताप स्मृति वन” का निर्माण किया गया।
गौरतलब है कि महाराणा प्रताप के नाम पर सम्मान प्रदान करने का एकमात्र अधिकार सजीव सेवा समिति को ही प्राप्त है। इस वर्ष का 26वां सम्मान समारोह आगामी 28 मई को विज्ञान समिति, उदयपुर में भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा।
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