उदयपुर। उद्योगों में अब परंपरागत मशीनों नही, वरन मेकेट्रोनिक्स आधारित आधुनिक मशीनों व उपकरण पर कार्य होता है। ऐसे में हर तकनीकिविद को ऑटोमाइजेशन, मेकेट्रोनिक्स, रोबोटिक्स, सीएनसी जैसी तकनीकी विधाओं को सीखना चाहिए।
यह विचार विद्या भवन पॉलिटेक्निक स्थित सरस्वती मेकेट्रोनिक्स सेंटर में आयोजित ओरियंटेशन कार्यक्रम के समापन में प्राचार्य डॉ अनिल मेहता ने व्यक्त किए।
सेंटर हेड , पूर्व उद्योग महाप्रबंधक तेजेंद्र सिंह मारवाह ने कहा कि देश की औद्योगिक प्रगति एवं युवाओं के सफल केरियर के लिए मेकेट्रोनिक्स में पारंगत होना जरूरी है।
कार्यक्रम समन्वयक नितिन सनाढ्य ने बताया कि सरस्वती मेकेट्रॉनिक्स सेंटर राज्य का एकमात्र स्टेट ऑफ आर्ट तकनीकी प्रशिक्षण केंद्र है जिसे सरस्वती सिंघल फाउंडेशन द्वारा युवाओं के तकनीकी विकास के लिए स्थापित किया गया है।
इंजीनियरिंग में स्नातक, डिप्लोमा उत्तीर्ण तथा आई टी आई सहित उद्योगों में कार्यरत तकनीकीविद यहां आकर सीएनसी, पीएलसी, न्यूमेटिक, हाइड्रोलिक , कंट्रोल पैनल डिजाइन, सेंसर , असेंबली लाइन, सर्वो व वीफडी ड्राइव इत्यादि तकनीकों को सीख सकते हैं।
कार्यक्रम में पॉलिटेक्निक के विशेषज्ञों जयप्रकाश श्रीमाली , दीपक गुप्ता, प्रकाश सुंदरम सहित विश्वेशरिया आई टी आई के निदेशक प्रदीप नागदा, सिंघानिया आई टी आई के प्राध्यापक राम नारायण, टेंपसन इंडस्ट्री के तकनीकीविद राहुल ने भी विचार व्यक्त किए।
प्रशिक्षक रमेश चंद्र, मोहम्मद सिकंदर , अमित कुशवाहा , गौरांग शर्मा सहित उपस्थित अतिथियों ने सफल प्रशिक्षणार्थियो को प्रमाण पत्र वितरित किए।