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वरिष्ठ नागरिक "मुस्कान क्लब" मे महावीर जयंती पूर्व संध्या पर भजनों व लोकगीतों की हुई मनमोहक प्रस्तुतियां

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20 Apr 24
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वरिष्ठ नागरिक "मुस्कान क्लब" मे महावीर जयंती पूर्व संध्या पर भजनों व लोकगीतों की हुई मनमोहक प्रस्तुतियां

महावीर जयंती की पूर्व संध्या पर वरिष्ठ नागरिक मुस्कान क्लब "यूथ रिविजिटेड" ने शनिवारीय विशेष कार्यक्रम के अन्तर्गत भजनों व लोकगीतों की प्रस्तुति से सभी का मनमोहा।

कार्यक्रम मे मंचासीन उपाध्यक्ष के के त्रिपाठी , सूरजमल पोरवाल, महासचिव डा. नरेश कुमार शर्मा रहे।

भगवती लाल इंद्रावत , शांतिलाल , अशोक कुमार चौबीसा, सुरेखा बाबेल, प्रताप चौधरी, शीला चौधरी, उषा इंटोडिया ने भगवान महावीर पर परिचर्चा व भजन प्रस्तुत किये ।

लोकगीतों की प्रस्तुतियो मे बृज लाल सोनी मेवाड़ अवधी मिथिला  लोकगीत, अजीत सिंह खीची ने मालवीय गीत - "बदरवा आई ग्या",  रजनी जोशी ने उत्तराखंड का "चुनरी तेरी चमकली गुलाबी शरारा", 

अशोक जोशी ने राजस्थानी "थाने काजलियो बनालु", लक्ष्मी माथुर - "उड उड रे मारा काला रे कागला" गाया तो वर्षा मेहता ने "मधानियां" बेटी की विदाई के अवसर पर गया जाने वाले पंजाबी लोकगीत सुना सभी को भावविभोर कर दिया। अरूण  चोबीसा ने राजस्थानी लोकगीत - "बाईसा वीरा जेपुर जाजो जी", कुसुम त्रिपाठी -गुजराती लोकगीत "मेंहदी तो वावी रंग लाग्यो", अमर माथुर - राजस्थान - "खा गयो बैरी बीछूडो", हरप्रीत मक्कड पंजाबी लोकगीत "काला डोरिया कुंडे नाल अडिया ऐ ओए", भगवत सिंह आडा - राजस्थानी - "छोरिया जावो म्हारे वीराने हेर ल्यावो जी", मधुबाला पंडित ने विरह गीत  "खडी नीम के नीचे ऐकली", चंद्रशेखर परसाई ने मांड  "केसरिया बालम आवो नी",  उम्मेद सिंह दुलावत ने "मेहंदी रंग लागो",  के के त्रिपाठी ने "मन्ने प्यारो लागो श्रीजी थारो नाम" व ऐम पी माथुर - दूर से आये थे साकी सुन के मयखाने को हम" सुना सभी का भरपूर मनोरंजन किया । राष्ट्रगान से कार्यक्रम समाप्ति बाद सभी ने अल्पाहार लिया।


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