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लेकसिटी में कविता और गीतों को समर्पित होगी शनिवार की शाम

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20 Apr 24
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लेकसिटी में कविता और गीतों को समर्पित होगी शनिवार की शाम

उदयपुर। देशभर के युवाओं की जुबान पर आ चुके 'न जाने कब से अंग्रेजी भूत सवार है, हिन्दी बोले तो बोले गवार है' गीत से देशभर में चर्चा में आए मुंबई के मशहूर गायक, कवि और गीत लेखक कविश सेठ शनिवार शाम लेकसिटी में कश्ती फाउंडेशन के तत्वावधान में कविताओं व गीतों की प्रस्तुति देंगे। विद्या भवन आॅडिटोरियम में शाम 6 बजे शुरू होने वाले इस कार्यक्रम को लेकर तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।  

कश्ती फाउंडेशन की संस्थापक श्रद्धा मुर्डिया ने बताया कि लेकसिटी के साहित्य प्रेमियों के लिए इस अनूठे आयोजन के तहत 'तुम्हीं हो बंधु, सखा तुम्हीं हो' की बॉलीवुड गायिका कविता सेठ के पुत्र कविश सेठ द्वारा कविता और गीतों की प्रस्तुति दी जाएंगी। कार्यक्रम में क्यूरेटर कलाकार कुणाल मेहता होंगे। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में प्रवेश निशुल्क है। कार्यक्रम में कविश सेठ के साथ ही लेकसिटी की नवीन प्रतिभाओं को भी मंच प्रदान किया जाएगा। इसके तहत दिनेश वर्मा, मारीशा दीक्षित जोशी व कोमल राज द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी।  

'नूरी' वाद्य यंत्र के निर्माता हैं कविश सेठ :

मुर्डिया ने बताया कि मशहूर सूफी गायिका कविता सेठ के बेटे कविश सेठ न सिर्फ अच्छे गायक, कवि और गीत लेखक हैं अपितु वे 'नूरी' नामक वाद्य यंत्र के निर्माता भी हैं। यह वाद्ययंत्र रूबाब, सरोद, गिटार और डेम्बे आदि वाद्य यंत्रों का मिश्रित स्वरूप है। इसके साथ ही कविश अपने 'जुबान' नामक संगीत प्रोजेक्ट के माध्यम से देशभर में आयोजन कर विभिन्न गांव—कस्बों के उभरते संगीत कलाकारों को मंच प्रदान कर रहे हैं। कविश अपने नए गाने 'हिंदी बोले' को लेकर काफी चर्चा में रहे हैं। कविश ने पहली बार अपने यूट्यूब चैनल पर अपना पहला गाना रिलीज किया तो लाखों लोगों ने इसे पसंद किया। उनका ये गाना इंग्लिश और हिंदी भाषा के बीच होने वाले भेदभाव को लेकर है। स्कूलों, कॉलेजों और दफ्तरों से लेकर जगह-जगह किस तरह हिंदी बोलने वालों को हीन भावना से देखा जाता है, उसी पर कविश ने अपने गाने के जरिए व्यंग्य किया है।  


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