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जैन ही नहीं जैनेतर समाजों के बीच भी सर्वाधिक लोकप्रिय रहे विद्यासागर महाराज

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20 Feb 24
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जैन ही नहीं जैनेतर समाजों के बीच भी सर्वाधिक लोकप्रिय रहे विद्यासागर महाराज

उदयपुर। ओसवाल सभा उद‌यपुर के उपाध्यक्ष डा. तुक्तक भानावत ने आचार्य विद्यासागरजी महाराज को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि आचार्य ने अपने पूरे जीवन में कठोरतम साधना से सभी को प्रभावित किया और सदैव सर्वहिताय सर्वसुखाय जीवनयापन करने की शिक्षा दी।
डा. भानावत ने कहा कि उनके सान्निध्य में छोटा बड़ा जो भी गया, बिना किसी भेद‌भाव के सबके साथ आत्मियता का व्यवहार किया। यद्यपि उन्होंने अपने सम्प्रदाय की कठोरतम मर्यादाओं का पालन करते हुए कभी भी शिथिलता नहीं आने दी और न आधुनिक उपकरणों को अपनाते हुए सांसारिकता के बन्धन में बधे।
डा. भानावत ने कहा कि उन्होंने सदैव पद्‌यात्राएं की और महावीर के सिद्धांतों का समग्र अक्षरश: पालन किया इसलिए वे जैन समाज ही नहीं जैनेतर समाजों के बीच भी सर्वाधिक लोकप्रिय रहे और आजीवन त्याग, संयम, और सहिष्णुता और सौहार्द्र के बल पर विश्व शांति की अलख जगाते रहे। आचार्य श्री की शिक्षाएं सदैव हम सभी को मानव कल्याण एवं प्राणी सेवा की प्रेरणा देती रहेंगी।


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