उदयपुर | महाराणा मेवाड चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर की ओर से सिटी पैलेस के जनाना महल में ’’उजाला‘‘ स्वयं सहायता समूह, झाडोल के लिए ’सर्जन-२०२४‘ के तहत शिबोरी कलर एवं तकनीक पर कार्यशाला आयोजित की गई।
इस कार्यशाला पर महाराणा मेवाड चैरिटेबल फाउण्डेशन के प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्र सिंह आउवा ने बताया कि यह प्राचीन एक ऐसी कला है जिसमें कपडों की रंगाई के लिए प्राकृतिक रंगों का ही प्रयोग किया जाता है। जो पर्यावरण के साथ-साथ हमारी त्वचा पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं छोडता।
तीन दिवसीय कार्यशाला के प्रथम दिन महाराणा मेवाडा पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों को शिबोरी कलर बनाने की विधा से अगवत कराते हुए उन्हें रंगाई की शिबोरी तकनीक को भी समझाया गया। शिबोरी आर्टिस्ट एम.के. शुक्ला ने बच्चों को बताया कि यह सभी कलर घर पर उपलब्ध सामग्री से ही तैयार होते है जिनमें हल्दी, अनार के छिलकों, पत्तियों आदि से तैयार किये जाते है। कपडों पर प्रिन्ट एवं डिजाइन बनाने के लिए कपडे को मोडने, घुमाने और कैसे बांधा जाता है आदि बारीकियां सिखाई गई। कार्यशाला के दौरान बच्चों से कलर तैयार करवा शिबोरी तकनीक से कपडों को तैयार करवाया गया जिसमें बच्चों ने काफी उत्साह दिखाया।
इस कला को देख कर देश-विदेश से आये पर्यटकों आदि में खूब पसंद किया गया और इन पारम्परिक उत्पादों की सराहना की गई।