उदयपुर| महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउण्डेशन के न्यासी और मेवाड़ राजपरिवार के सदस्य डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने महाराणा स्वरूप सिंह के कालीन पांच भागों में प्रकाशित हकीकत बहिडाें (ऐतिहासिक ग्रंथों) का विमोचन सिटी पैलेस में किया । इस अवसर पर डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि मेवाड़ के 70वें एकलिंग दीवान महाराणा स्वरूप सिंह (ई.स. 1842 से 1861) का जीवन-व्यक्तित्व प्रभु भक्ति से भी परिपूर्ण था। उनका शासनकाल प्रजाहित में समर्पित रहा। उनके समय में भी मेवाड़ का चहुमुखी विकास हुआ। महाराणा के आदेश से नया स्वरूपशाही सिक्का जारी कर व्यापार को व्यवस्थित किया। समाज में फैली कई कुरीतियों को दूर किया गया। महाराणा स्वरूप सिंह के समय के इन बहिड़ों पर महाराणा मेवाड़ अनुसंधान केन्द्र और महाराणा मेवाड़ हिस्टोरिकल पब्लिकेशन्स ट्रस्ट लगभग 4 वर्षों से अधिक समय तक काम किया गया। महाराणा ने कई मन्दिरों का निर्माण करवाया और कई प्राचीन मन्दिरों का जीर्णोद्धार भी करवाया। महाराणा स्वरूप सिंह कालीन तैयार किए इन बहियों के पांच भाग हैं, जिनमें कुल 2533 पृष्ठों के साथ ही कई यादगार, ऐतिहासिक श्वेत-श्याम, रंगीन चित्रों का समावेश किया गया है। पुस्तक में महाराणा के व्यक्तित्व और कृतित्व का ऐतिहासिक लेखन इतिहसविद डॉ. गिरीशनाथ माथुर द्वारा किया गया है। इसका उद्देश्य मेवाड़ के गौरवशाली इतिहास का संरक्षण-संवर्धन करना है। यह पुनीत कार्य आगे भी जारी रहेगा।