उदयपुर । महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वरिष्ठ पेंशनर्स का सम्मान समारोह शुक्रवार, 7 अप्रैल को एमपीयूएटी पेंशनर्स वेल्फेयर सोसाइटी द्वारा राजस्थान कृषि महाविद्यालय के सेमिनार हाल में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. सी.पी.जोशी, अध्यक्ष, राजस्थान विधानसभा, विशिष्ट अतिथि, कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया और वैभव गहलोत, अध्यक्ष राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन सीधे आरसीए के क्रिकेट ग्राउंड में हेलीकॉप्टर से उतरे। वहां से वैभव गहलोत खेल गांव में आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में चले गए। डॉ. अजित कुमार कर्नाटक, कुलपति एमपीयूएटी ने समारोह की अध्यक्षता की।
डॉ जोशी ने सभी वयोवृद्ध पेंशनर को शॉल एवं उपरना ओढ़ा कर सम्मनित किया और उनके योगदान के लिऐ बधाई भी दी। उन्होंने अनुभवी कृषि शिक्षाविद् और वैज्ञानिकों के अनुभव का लाभ उठाने और उनके ज्ञान का उपयोग कर ग्रामीण विकास और कृषि में कंसल्टेंसी व नवाचार के लिऐ एक कार्य योजना बनने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के पास उपलब्ध अनेक योजनाओं के मध्यम से इन्हे फंड की व्यवस्था की जा सकती है। कृषि मंत्री कटारिया ने इस अवसर पर सभी पेंशेनर को बधाई दी। उन्होंने एमपीयूएटी पेंशनर्स को नियमित पेंशन देने के लिऐ राज्य सरकार के सकारात्मक रुख की बात कही। उन्होंने मिलेट वर्ष में बाजरा ज्वार इत्यादि पोषक अनाजों के उत्पादन को बढ़ाने के लिऐ कृषि विकास और नवाचारों की बात कही जिससे मोटे अनाज और गेहूं के उत्पादन के अंतर को कम किया जा सके।
डॉ. अजित कुमार कर्नाटक, कुलपति एमपीयूएटी ने अपने उदबोधन में बताए कि एम पी यू ए टी, राज्य के 28वित्त पोषित विश्वविद्यालयों में सर्वश्रेष्ठ विश्व विद्यालय है और हमारे सभी कॉलेज आईसीएआर से मान्यता प्राप्त हैं। विश्व विद्यालय में आई ओ टी, रोबोटिक्स और ड्रोन के प्रयोग, डाटा साइंस और कृत्रिम बुद्धि मत्ता में बी टेक पाठ्यक्रम प्रारंभ करने जैसे अनेक नवाचर किए जा रहे हैं। डॉ कर्नाटक ने वैज्ञानिकों की सक्रीयता और अनुभव के मद्दे नज़र उनकी सेवानिवृत्ति आयु देश के अनेकों राज्यों के समान 65 वर्ष करने की मांग रखी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार और उदयपुर शहरी विकास अभिकरण की व्यवस्था से सभी पेंशनर्स को नियमित पेंशन दी जा रहीं है और अभी तक सेवानिवृत सभी पेंशनर्स को उनकी ग्रेच्यूटी की राशी दे दी गई है। उन्होंने अतिथियों को मीलेट वर्ष में बनाए विशेष कलैंडर भी भेंट किए।
डॉ. एस के भटनागर, अध्यक्ष, पेंशनर्स वेल्फेयर सोसाइटी ने बताया कि कार्यक्रम से पूर्व अतिथियों ने प्रातः स्मरणीय वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप एवं आरसीए के संस्थापक डीन डॉ. ए. राठौड़ की प्रतिमा पर पुष्पांजली अर्पित की। इस अवसर पर पेंशनर समिती की निर्देशिका का विमोचन भी किया गया जिसका संपादन उपाध्यक्ष डॉ पी सी कंठलिया ने किया। निर्देशिका में समिती एवं एमपीयूएटी का इतिहास, पेंशन एवं आर जी एच एस नियम और 2023 मार्च तक सेवानिवृत सभी पेंशनर्स की जानकारी उपल्ब्ध करवाई गई है।
सोसाइटी के महामंत्री आर के राजपूत ने बताया कि कोरोना काल के पश्चात 3 वर्ष के अंतराल से 375 वरिष्ठ पेंशनर्स जिनकी आयु 70, 75, 80, 85 वर्ष पूर्ण हो गई है, उनके लिऐ यह "सम्मान समारोह" आयोजित किया गया। इनमे से लगभग 200 पेंशनर्स को सम्मानित किया गया। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय में कुल 1330 पेंशनर हैं जिनमे से 258 विधवा पेंशनर हैं। कार्यक्रम का संचालन डॉ सुभाष भार्गव ने किया एवं धन्यवाद महामंत्री आर के राजपूत ने दीया। कोरोना काल के पश्चात सभी वयोवृद्ध पेंशनर्स से मिल कर आपस में एक दूसरे की कुशल क्षेम पूछी। कार्यक्रम में पूर्व कुलपति प्रो उमा शंकर शर्मा प्रबन्ध मण्डल सदस्य, प्रो एस मालू, विष्णु पारीक, जगदीश भंडारी, आर सी ए अधिष्ठाता, अनुसंधान निदेशक, छात्र कल्याण आधिकारी, पी आर ओ डॉ सुबोध शर्मा, परीक्षा नियंत्रक, एमिरेट्स प्रोफ़ेसर एवं अनेक अन्य आधिकारी भी उपास्थित थे।