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महाराणा मेवाड फाउण्डेशन वार्षिक सम्मानों में विद्यार्थी वर्ग की प्रविष्टियां आमंत्रित

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16 Jan 23
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महाराणा मेवाड फाउण्डेशन वार्षिक सम्मानों में विद्यार्थी वर्ग की प्रविष्टियां आमंत्रित

उदयपुर।  महाराणा मेवाड चैरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर द्वारा प्रदान किये जाने वाले महाराणा मेवाड फाउण्डेशन ३९वाँ वार्षिक सम्मान समर्पण समारोह २०२३ इस वर्ष विद्यार्थी वर्ग के लिए आगामी २६ मार्च को आयोज्य होगा। 

महाराणा मेवाड फाउण्डेशन वार्षिक सम्मान समर्पण समारोह संयोजक डॉ. मयंक गुप्ता ने आज बताया कि वार्षिक सम्मानों के तहत भामाशाह सम्मान, महाराणा राज सिंह सम्मान एवं महाराणा फतह सिंह सम्मान हेतु १० फरवरी २०२३ तक आवेदन आमंत्रित किये जाएगे। सम्मान आगामी २६ मार्च २०२३, रविवार को होने वाले ३९वें महाराणा मेवाड फाउण्डेशन वार्षिक अलंकरण समारोह में फाउण्डेशन के न्यासी लक्ष्यराज सिंह मेवाड द्वारा प्रदान किये जाऐंगे।

डॉ. गुप्ता ने बताया कि महाराणा मेवाड चैरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर के ३९वें वार्षिक अलंकरण समारोह के सम्मानों के लिए विद्यार्थी http://www.eternalmewar.in/uploads/award/mmfaa_student_form.pdf से आवेदन डाउनलोड किये जा सकते हैं तथा आवेदन पत्र सिटी पेलेस की बडी पोल एवं शीतला माता गेट से प्रातः १० से शाम ४ बजे तक प्राप्त किये जा सकते हैं।
संयोजक गुप्ता ने बताया कि विद्यार्थी वर्ग के सम्मानों में बेचलर डिग्री एवं बेचलर लेवल के डिप्लोमा आदि के लिये भामाशाह सम्मान प्रदान किया जाएगा। भामाशाह वीर प्रकृति के पुरुष थे और उन्होंने प्रसिद्ध हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप के साथ कुंवर मानसिंह की सेना के विरुद्ध युद्ध किया। जिन्हें महाराणा प्रताप ने मेवाड का प्रधानमंत्री बनाया था। वे वीर, राज्य प्रबंधक, सच्चे स्वामिभक्त और विश्वासपात्र सेवक थे। उनके नाम से भामाशाह सम्मान के लिये राजस्थान स्थित विश्वविद्यालय के विद्यार्थी तथा राजस्थान के वे मूल निवासी विद्यार्थी जो राजस्थान से बाहर किसी अन्य विश्वविद्यालय से उक्त बेचलर डिग्री या डिप्लोमा वर्ष २०२०, २०२१ एवं २०२२ में पूर्ण किये है, वे आवेदन कर सकते हैं। इसी तरह उदयपुर स्थित विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के वे विद्यार्थी जो खेलकूद एवं शैक्षणिक-सहशैक्षणिक गतिविधियों में इस वर्ष श्रेष्ठ स्थान प्राप्त किया है वे महाराणा राजसिंह सम्मान के लिए आवेदन कर सकते हैं। महाराणा राजसिंह मेवाड के ५८वें एकलिंग दीवान थे। उनका शासन काल स्वाभिमान और स्वतंत्रता प्रेम के लिए विख्यात रहा। महाराणा राज सिंह ने मुगल बादशाह औरंगजेब के फरमानों के विरुद्ध जाकर श्रीनाथजी, द्वारिकाधीश जी एवं गुसाँई जी परिवार को मेवाड में आश्रय देकर राजधर्म निष्ठा का परिचय दिया। इसी तरह महाराणा फतह सिंह सम्मान के लिये उदयपुर स्थित विद्यालयों के वे विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं जिन्होंने वर्ष २०२०, २०२१ एवं २०२२ में १०वीं एवं १२वीं उच्च अंकों से उत्तीर्ण की है साथ ही इन्हीं परीक्षाओं में उत्तीर्ण वे विद्यार्थी भी आवेदन कर सकते हैं जिन्होंने खेलकूद एवं शैक्षणिक-सहशैक्षणिक गतिविधियों में वर्ष २०२०, २०२१ एवं २०२२ में श्रेष्ठ प्रदर्शन किया हो।
महाराणा फतह सिंह असाधारण प्रतिभा सम्पन्न व्यक्तित्व के धनी थे। कुल गौरव, देशाभिमान, स्वातंत्र्य-प्रेम एवं आत्म सम्मान उन्हें अपने प्राणों से भी प्रिय था। उन्होंने अपने शासन काल के दौरान साधु-संतो ंके आदर-सत्कार में सहस्त्रों रुपये दान किये। उन्होंने भारतभर में शिक्षा को बढावा देने के उद्देश्य से हिन्दू विश्वविद्यालय बनारस तथा मेयो कॉलेज के लिए डेढ-डेढ लाख रुपये का दान दिया और इतने ही रुपये भारत-धर्म-महा-मंडल काशी को दिये। महाराणा कर्तव्यबुद्धि, परोपकार वृत्ति एवं कुलाभिमान के कारण बडे लोकप्रिय हुए। 


 


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