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फ्रांस में सिटी पैलेस म्युजियम, उदयपुर और शेम्बोर्ड की एक साथ १३९ दुर्लभ तस्वीरों की फोटो प्रदर्शनी 

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21 Oct 22
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फ्रांस में सिटी पैलेस म्युजियम, उदयपुर और शेम्बोर्ड की एक साथ १३९ दुर्लभ तस्वीरों की फोटो प्रदर्शनी 

उदयपुर। जब कोई देश और उनकी खूबसूरत संस्कृतियां एक साथ आती है तो कलाओं का भरपूर आदान-प्रदान तो होता ही है, साथ ही उन्हें समझने का मौका भी मिलता है। ’ए टेल ऑफ टू पैलेसेस‘ भारत के सिटी पैलेस संग्रहालय, उदयपुर, और फ्रांस के डोमिन नेशनल डी शेम्बोर्ड के सहयोग से फ्रांस में आयोजित यह अन्तरराष्ट्रीय प्रदर्शनी इसका श्रेष्ठ उदाहरण है।
भारत से महाराणा मेवाड चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर और फ्रांस से शेम्बोर्ड से १३९ उन दुर्लभ तस्वीरों को चयन कर शैटॉ डी शेम्बोर्ड की मेजबानी में शैटॉ की कुल ५ गैलेरियों में १६ अक्टूबर से ५ मार्च २०२२ तक प्रदर्शित किया जा रहा है।
दो संस्कृतियों की झलक संयुक्त रूप से एक साथ दिखाई देने के अवसर पर महाराणा मेवाड चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर के ट्रस्टी, महाराज कुमार लक्ष्यराज सिंह मेवाड ने कहा कि सिटी पैलेस संग्रहालय, उदयपुर और शेम्बोर्ड वर्ष २०१५ से कई मौको पर एक साथ भागीदारी निभाई है। जिसमें राजस्थान और फ्रांस के बीच में पहली सहयोग परियोजना फ्रांस स्थित लॉयर घाटी पर रही। जिस प्रकार सम्पूर्ण संसार जगत विश्वव्यापी महामारी से उबर रहा है, उसी प्रकार इस अंतरराष्ट्रीय फोटो प्रदर्शनी के माध्यम से हम पुनः एकजुटता और उत्साह के साथ योजनाओं पर कार्य करते हुए आगे बढ रहे हैं, यह पुनः ताजी हवा में प्राणवायु मिलने के समान है। फोटो प्रदर्शनी केवल उदयपुर और शेम्बोर्ड के बीच ही नहीं बल्कि दो महान देशों के बीच का एक सांस्कृतिक सेतु भी है।
अपनी जीवंत विरासतों को संरक्षित करते हुए कार्य-योजनाओं के माध्यम से उन क्षेत्रों से संबंधित संरक्षण के ज्ञान को एक-दूसरे को साझा करना है। पर्यटन को बढावा देने के उद्देश्य से उन स्थलों पर संस्थाओं द्वारा संयुक्त कार्यशालाओं और संगोष्ठियों के साथ-साथ पर्यटन संबंधी गतिविधियों, संस्कृति, त्योहारों आदि से दर्शकों को रू-ब-रू भी करवाना है। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों और समारोहों में हमारी संयुक्त भागीदारी से सहयोगात्मक साझेदारी का ग्राफ भी बढा है।
डोमेन नेशनल डे शेम्बोर्ड के महानिदेशक जीन डी’हॉसनविल ने इस अवसर पर कहा कि यह प्रदर्शनी चयनित तस्वीरों के मार्फत शेम्बोर्ड और सिटी पैलेस उदयपुर के अपने-अपने सांस्कृतिक परिदृश्यों को प्रदर्शित करती है, यह १६वीं शताब्दी के दो राजशाही निवासों में कई आश्चर्यजनक समानताओं को भी दर्शाती है। डी’हॉसनविल ने स्थापना और स्थापत्य को दर्शाते हुए फ्रांस और भारत की संस्कृति तथा समुदायों के बीच के घनिष्ठ समानताओं को प्रतिबिंबित किया है। इस तरह दोनों देशों को एक साथ लाने पर हमें गर्व की अनुभूति हो रही है।
’ए टेल ऑफ टू पैलेसेस’’ प्रदर्शनी, दोनों देशों की वास्तुकला, दरबारी जीवन, दैनिक जीवन और अतीत को दर्शाती है। प्रदर्शनी से जुडे क्यूरेटोरियल टीम के सदस्यों ने खुलासा किया कि ’’इन आकर्षक दुर्लभ तस्वीरों से हमें शेम्बोर्ड और उदयपुर के बीच की कई समानताओं को जानने का अवसर मिला। प्रदर्शनी में न केवल कलाकृतियां बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन के हर पहलू का सूक्ष्म दस्तावेजीकरण को भी प्रस्तुत किया गया है।
शेम्बोर्ड अभिलेखागार में २०वीं सदी के शुरुआत तक के संग्रहित तस्वीरों को प्रदर्शित किया जा रहा है, जो शैटॉ के अन्दर व बाहर के दुर्लभ दृश्यों को वैश्विक आगंतुकों के लिए अतीत के उस दौर में झाँकने का सुअवसर प्रदान करेगा। 
फाउण्डेशन के ट्रस्टी लक्ष्यराज सिंह मेवाड ने कहा कि उदयपुर ४५० वर्षों से निरंतर मेवाड राज्य की राजधानी होने के कारण राजनीतिक, सामाजिक और अपनी संस्कृति का प्रमुख केन्द्र रहा है। मेवाड राज्य की भव्यता उदयपुर के सिटी पैलेस संग्रहालय में देखी जा सकती है। यह प्रदर्शनी आगंतुकों के लिए विशेष ज्ञानवर्द्धक है।
प्रदर्शनी में प्रदर्शित १८६० के दशक के उदयपुर सिटी पैलेस संग्रहालय में संग्रहित दुर्लभ फोटोग्राफ्स हैं। समय समय पर मेवाड के महाराणाओं के पोट्रेट्स उनके द्वारा नियुक्त स्टूडियों जिनमें बॉर्न एंड शेफर्ड, जॉन्सटन एंड हॉफमैन, मैटजीन स्टूडियों, रॉयल फोटोग्राफिक कंपनी के साथ ही एआर दत्त, गोवर्धनलाल शर्मा और केएल सैयद जैसे भारतीय फोटोग्राफरों द्वारा लिए गए थे। ये फोटोग्राफ्स १९वीं व २०वीं सदी में मेवाड की राजसी जीवन शैली, समृद्ध दरबारी परम्पराओं, सांस्कृतिक पहलुओं का भव्यता से दर्शन कराते हैं।

महाराणा मेवाड चैरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर एक नजर में ः-

फाउण्डेशन ने विश्वस्तरीय सुविधाओं और आवश्यक बदलावों के साथ वर्ष २०२० में अपने ५० वर्ष पूर्ण कर लिए है। देश-विदेश के पर्यटकों के लिए सिटी पैलेस उदयपुर का संग्रहालय राजस्थान मेवाड की कई मूर्त-अमूर्त विरासतों को अपने में संजोय हुए है। सिटी पैलेस उदयपुर संग्रहालय की विशिष्ट गैलरियां एवं ऐतिहासिक स्थल लगभग २५ हजार वर्गमीटर में फैले हुए है। जहां वर्ष २०१६ के बाद अब लगभग १ मिलियन से अधिक आगंतुकों को सूचीबद्ध किया है।

शैटॉ डी शेम्बोर्ड, फ्रांस एक नजर में ः-

फ्रांस के शैटॉ डी शेम्बोर्ड को इसकी वास्तुकला और कला संग्रह के लिए ’पुनर्जागरण का प्रतीक‘ के तौर पर जाना जाता है। शैटॉ की स्थापना १६वीं शताब्दी से पूर्व की हे। लुइस १४वें के शासनकाल में शैटॉ का निर्माण पूर्ण हुआ था। शेम्बॉर्ड की उत्कृष्ट वास्तुकला, पैलेस की गोल घुमावदार चौडी सीढयां, उसकी सजावटी व आकर्षक गगनचुंबी चिमनियां, वहां की आकर्षक मूर्तिकला को बहुतायत में देखा जा सकता है। वहीं शेबोर्ड पेंटिंग, फर्नीचर, टेपेस्ट्री (फ्रांस में महीन ऊन और सूती बुनाई से बुना जाने वाली आकर्षक कला), कला वस्तुओं का एक बडा संग्रह है। शेबोर्ड अपनी विरासतों का समुद्धार करते हुए संरक्षण के क्रम को जारी रखे हुए है।


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