उदयपुरमहाराणा मेवाड चेरिटेबल फाउण्डेशन, उदयपुर की ओर से ७५वें आजादी का अमृत महोत्सव के तहत सिटी पैलेस के जनाना महल में ९ दिवसिय सृजन ’आर्ट एण्ड क्राफ्ट बाजार‘ का शुभारम्भ किया गया। यह बाजार १३ अगस्त से २१ अगस्त तक निरंतर प्रातः ११ बजे से सायं ५ बजे तक रहेगा। इस बाजार में मेवाड के हस्तशिल्पियों द्वारा निर्मित विभिन्न पारम्परिक उपयोगी एवं सजावटी कलात्मक सामग्री को पर्यटकों के लिए प्रदर्शित किया गया।
महाराणा मेवाड चेरिटेबल फाउण्डेशन उदयपुर के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी भूपेन्द्र सिंह आउवा ने बताया कि मेवाड में जडया, कंसारा, सिकलीगर, कुम्हार, मोची, सुथार, बुनकर, वारी, गांची, तम्बोली, चित्रकार व रंगरेज-छिपा आदि को महाराणा उदय सिंह जी ने उदयपुर में बसाया था। उदयपुर मेवाड के विकास में कई हस्त कलाकारों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वर्तमान में इन समुदायों द्वारा उत्पादित हस्तशिल्प सामग्री, मेवाड की जीवन्त विरासत का प्रतीक है। प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य आजादी के ७५वें महोत्सव पर यहाँ के हस्तशिल्पियों की कला को देश-विदेश के पर्यटकों के सम्मुख प्रस्तुत कर स्थानीय कला एवं कलाकारों से अवगत कराना रहा।
प्रदर्शनी से उदयपुर के स्थानीय हस्तकलाकार राजेश मोगिया द्वारा बनाई गई विभिन्न देशी पत्थरों से मॉर्डन आर्ट की सजावटी व कलात्मक मूर्तियों में गणेशजी, शिवलिंग, हाथी आदि प्रदर्शित किये गए। खेरादीवाडा के स्थानीय कलाकार संजय कुमावत ने लकडी के खिलौने की स्टॉल पर लकडी के लट्टू, डमरू, बच्चों की गाडी, झूनझूना, लकडी के की-चैन के साथ ही बच्चों के मनमोह लेने वाले आकर्षक खिलौने सजाये गये। इसी तरह स्थानीय कलाकार लालचंद परिहार की स्टॉल पर कॉफ्तगिरी तार के कार्य और दश्मिक स्टील के चाकू पर बहुत सजावटी ढंग से किया जाता है। कॉफ्तगिरी तार कार्य बहुत ही सुन्दर एवं आकर्षक है। रोहन कुमावत मेटल कार्विंग के युवा कलाकार है जिन्हें बचपन से ही धातु कला में विशेष रुचि रही। इस हस्तकला में धातु की प्लेट या अन्य धातु निर्मित सामग्री पर सुन्दर नक्काशी कर उन्हें आकर्षक बनाया जाता है। राजस्थानी मोजडी बनाने वाले राजेश की स्टॉल पर कई आकर्षक राजस्थानी मोजडयां उपलब्ध है, जो विशेष अवसरों पर पहनी जाती है। बच्चों, महिलाओं एवं पुरुषों के कई प्रकार की हस्त निर्मित जूतियां रखी गई है। नेहा भावसार ’विविधा आर्ट स्टूडियों‘ की संस्थापक है, आपने राजस्थान की पारंपरिक आदिवासी दस्तकारी आभूषण कला को बढावा देने के उद्देश्य से विभिन्न हाथकरघा विरासत को आगे बढाते हुए आधुनिक फैशन के दौर में कपडों के स्क्रैप आदि के उपयोग के साथ कई आकर्षक हस्तनिर्मित आभूषण आदि को तैयार किए गए है, जिन्हें पर्यटकों के लिए रखे गए है। चर्म कला के कलाकार विजय भट्ट हस्तनिर्मित कागज की डायरियां बनाते है जिन पर चमडे के कवर लगाए जाते है। देश-विदेश से आने वाले पर्यटक स्थानीय स्तर पर निर्मित इन डायरियों को बहुत पसंद करते है। इनकी स्टॉल पर चमडे की बनी विभिन्न तरह एवं आकार की डायरियां, बैग आदि रखे गए हैं, इसके साथ ही आर्टिफिशियल हस्तनिर्मित ज्वैलरी आदि को भी प्रदर्शित थी। उदयपुर आने वाले पर्यटकों द्वारा हस्तनिर्मित वस्तुओं खूब पसंद किया जा रहा है।