उदयपुर। ऑल इण्डिया डांसर्स एसोसिएशन ,कथक आश्रम,रोटरी क्लब मेवाड़ व अर्थ डायग्नोस्टिक के संयुक्त तत्वावधान में आज से अटल सभागार में प्रारम्भ हुए 4 दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय डांस फेस्टिवल के पहले दिन दक्षिण भारतीय नृत्य शैली ने छटां बिखेरते हुए समंां बांध दिया।
आज की प्रथम प्रस्तुति केरल का परम्परागत नृत्य मोखिनी अट्टम की रही जिसे नृत्यांगना शालिनी प्रदीप ने प्रस्तुत किया। शालिनी ने अपने नृत्य में भगवान श्रीकृष्णा की कहानी को नृत्य के जरिये प्रदर्शित किया। जिसमें उन्हांेने पूतना मोक्षम,गोवर्धनगिरी उधारण के साथ अंत में गीतोपदेश की प्रस्तुति दी। इनके नृत्य में राग रागमालिका, अन्ताड़़ा, आदिताड़ा की बखूबी मिश्रण रहा।
दूसरी प्रसतुति में छत्तीसगढ़ की एम टी मुरूनमयी की भरतनाट्यम की अत्यन्त सुन्दर पस्तुति रही। जिन्होंने दर्शकों को कर्नाटक संगीत से अवगत कराते हुए रागमालिका एवं तालआदि राग के साथ नवरस को बखूबी प्रस्तुत किया।
आज जी.रत्नेश बाबू ने अपने नृत्य में रामकथा की प्रस्तुति में सीता स्वयंवर,जटायु मोक्षम और सीता अपहरणम एवं अंत में हनुमान की राग अहिर भैरव एवं तालआदि के साथ सुन्दर प्रस्तुति दी जिसे दर्शकों ने तालियों की दाद के साथ सराहा।
आज की अंतिम नृत्य प्रस्तुति बेंगलोर के रूपेश के.सी.की रही,उन्होंने भरतनाट्यम नृत्य प्रस्तुत किया। इस प्रसतुति में उन्होंने देवी एवं शिवस्तुति को प्रस्तुत किया। जिसमंे उन्होंने पापनाशम शिवन की कम्पोजिशन में राग खिरवानी एवं तालआदि को देवी प्रस्तुति में श्ंाकर अय्यर के कम्पेजिशन में तैयार राग रेवती ताल आदि में जो नृतय प्रस्तुत किया, तो दर्शकों के मुंह से वाह निकल गया।
कथक आश्रम की निदेशक चन्द्रकला चौधरी व ऑल इण्डिया डांसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रत्नेश बाबू ने बताया कि समारोह का उद्घाटन पूर्व संासद रघुवीरसिंह मीणा, राजस्थान इंटक के प्रदेशाध्यक्ष जगदीशराज श्रीमाली,ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा ने किया। इस अवसर पर चन्दा सुहालका,नीतूकला टांक,विकास जोशी, संजय गुप्ता,लेाकेश चौधरी,एडवोकेट मनीष श्रीमाली,कनिष्का श्रीमाली बतौर अतिथि मौजूद थे।