उदयपुर। जैन समुदाय प्रतिवर्ष पर्यूषण पर्व मनाता है। इन दिनों ज्ञान दर्शन चारित्र तथा तप की आराधना की जाती है।इसी संदर्भ में जैन अनुयायी प्रतिदिन शाम को प्रतिक्रमण करते हैं। डॉ. महेन्द्र सोजतिया ने बताया कि प्रतिक्रमण के अंतर्गत आत्मा को अशुभ भावों से हटाकर शुभ भावों की ओर ले जाया जाता है। जानबूझकर या अनजाने में किए गए पापों की आलोचना करते हुए उन्हें फिर से नहीं करना ही प्रतिक्रमण कहलाता है। सोजतिया ने बताया कि जैन प्रतिक्रमण यूट्यूब पर जैन प्रतिक्रमण... डॉ महेंद्र सोजतिया के नाम से उपलब्ध है, साथ ही विभिन्न चैनल्स पर 4 सितंबर से 11 सितंबर तक प्रतिदिन सायं पौने सात बजे से दिखाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति संत मुनिराज के सानिध्य में सांय कालीन प्रतिक्रमण नहीं कर पा रहे हैं, उनके लिए यूट्यूब तथा विभिन्न चैनल्स पर इसे विधि सहित कराया गया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जैन अनुयायी को वर्ष में कम से कम 8 दिन प्रतिक्रमण अवश्य करना चाहिए जिससे वह अपने पापों का प्रायश्चित कर सकें।