उदयपुर।मासूम बच्चों के चेहरे पर जब खुशी की मुस्कान होगी तभी ता देश का भविष्य खुशहाल होगा।ग्रामीण क्षेत्रों में कई बच्चे ऐसे हैं जो पढकर आगे बढना चाहते हैं लेकिन शिक्षा के लिए आवश्यक सामग्री उपलब्ध नहीं होने के कारण वे इस से महरूम रह जाते हैं।सामाजिक और शिक्षा कार्यो के लिए समर्पित नीम फाउण्डेशन ने उदयपुर शहर से दूर उपलावास नालाफला सरकारी विद्यालय में स्टेशनरी वितरण कर बच्चों के चेहरों पर खुशियां बिखेरी।आसान ट्रिक से पढने के सूत्र भी बच्चों को सीखाए गये और कोरोना वैक्सीन को लेकर जरूरी जानकारी साझा की गयी।
नीम फाउण्डेशन की संस्थापक रोशनी बारोट ने बताया कि कोरोना कालखण्ड में विद्यालय बंद होने के कारण सबसे अधिक नुकसान बच्चों का हुआ है वे पढाई नहीं कर पा रहे हैं और ज्यादातर बच्चों के पास ऑनलाईन पढाई करने की सुविधा है।बच्चों की जरूरत और समस्या को ध्यान में रखकर फाउण्डेशन ने राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय उपलावास में स्टेशनरी का वितरण किया, जिसमें पुस्तकें, कॉपी, पैन्सिल, स्केल, रबर,*गणित*के सवाल हल करने की सामग्री व विज्ञान विषय से जुडी सामग्री, नवाचार और मन के भावों को रंगों से उकरने के लिए रंग, चार्ट तथा खाद्य सामग्री शामिल है।
फाउण्डेशन की ओर से पूर्व में भी दो बार विद्यार्थियों को आवश्यक सामग्री वितरित की गयी थी । फाउण्डेशन ने बच्चों और उनके परिजनों से बातचीत की तो यह बात सामने आयी कि कोरोना काल में ऑनलाईन शिक्षा मिल रही है ऐसे में बच्चे वास्तविक शिक्षा से दूर होते जा रहे हैं क्योंकि इसमें दोतरफा संवाद नहीं हो पाता है और दूरदराज के क्षेत्रों में तो ऑनलाइन शिक्षा के लिए सुविधाओं का अभाव है और नेटवर्क भी पूरा नहीं मिल पाता है।नीम फाउण्डेशन हमेशा ही ऐसे आवश्यक मुद्दों पर काम करता है जिस पर दूसरे लोग कार्य नहीं कर पाते ह। फाण्डेशन के सदस्य डॉ. गोपाल धाकड ने बच्चों और उनके परिजनों को स्वास्थ्य समस्याओं और इस के उपचार तथा कोरोना वैक्सीन के बारे में ंमहत्वपूर्ण जानकारी दी और टीककारण के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया।सदस्य इन्दर धाकड ने लोगों से बात करके स्थानीय समस्याओं को जाना और उन्हें समाधान के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन दिया ।
संस्था प्रधान भंवरलाल पालीवाल ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जिस तरह से नीम का पेड छाया देता है और स्वास्थ्यवर्धक है उसी प्रकार नीमफाउण्डेशन भी जनसेवा के कार्य कर रहा है।कार्यक्रम के दौरान विद्यालय की अध्यापिका मालाभाट और सुरता पारगी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए फाउण्डेशन का उत्साहवर्धन किया ।*