वागड़ में रविवार का दिन नवजात बच्चों पर भारी गुजरा। डूंगरपुर और बांसवाड़ा के जिला अस्पतालों से एक-एक बच्चा चोरी हो गया। इससे बांसवाड़ा-डूंगरपुर जिलों में पुलिस व प्रशासन में हड़कंप मच गया। सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए तथा मोबाइल लोकेशन के आधार पर बड़े स्तर पर जांच अभियान शुरू हुए। गुजरात बॉर्डर तथा सीमा पार आस-पास के होटलों-ढाबों की भी तलाशी ली गई।
बांसवाड़ा के एमजी अस्पताल परिसर से फर्जी नर्स बन कर एक महिला नवजात को चुराकर ले गई। टीकाकरण कराने के नाम पर बुलवाए बच्चे को वह धोखे से चुरा ले गई। नाकाबंदी के बाद भी शाम तक बच्चे का पता नहीं चल पाया। कोतवाली सीआई मोतीराम सारण ने बताया कि सुबह 11 बजे घटना हुई। मलवासा निवासी अनिता पत्नी अर्जुन बामनिया का 9 फरवरी को तलवाड़ा पीएचसी में सामान्य प्रसव हुआ।
11 फरवरी को छुट्टी मिली, तो पीहर के लोग बड़लिया ले गए। शनिवार को घर आई एक महिला ने खुद को नर्स बताते हुए नवजात को टीका लगवाने रविवार को बांसवाड़ा लाने को कहा। इस पर वो नवजात को लेकर बांसवाड़ा आईं। यहां एमजी अस्पताल के पास गेट पर पहुंचे ही थे कि फर्जी नर्स का कॉल आया। उसने मां-बेटी को केंटीन के पास रूकने को कहा और ममता कार्ड सहित कागजात के साथ बच्चा लेकर खुद टीका लगवाकर लौटने की बात कही। इसके बाद एमसीएच विंग की तरफ बढकऱ लापता हो गई। काफी देर तक वापसी नहीं होने पर अनिता और उसकी मां ने अस्पताल में जाकर पूछा मगर पता नहीं चला। फिर शोर मचा तो स्टाफ और डॉक्टर चेते। इत्तला पर एमजी चौकी और कोतवाली थाने के जाब्ते के अलावा डीएसपी गजेंद्र सिंह राव भी पहुंचे। पीएमओ डॉ. रवि उपाध्याय की मौजूदगी में करीबी सीसीटीवी कैमरा चैक करने पर संदिग्ध नर्स नवजात गोद मे लिए जाती दिखी।