जिलाधीश महोदय को विभिन्न समाज संगठनों ने ज्ञापन सौंपकर अवगत कराया कि उदयपुर शहर को वेनिस के रूप में पहचान दिलाने वाली यहां की झीलों के प्राकृतिक सौंदर्य को कायम रखने हेतु शहरवासियों की दिल की तमन्ना है और यह शहर वासियों के लिए लाइफ लाइन भी है लेकिन विगत कुछ वर्षों से इन्हें केवल धन उपार्जन के रूप में ही लिया जा रहा है, क्योंकि इन झीलों में तेज स्पीड बोट संचालन किया जा रहा है जो कि समुद्र के लिए तो ठीक है पर ऐसी छोटी झीलों के लिए कतई ठीक नहीं है, जहां बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी मेहमान बन कर आते हैं जो झीलों की सुंदरता बढ़ाने के साथ-साथ यहां की परिस्थिति तंत्र को भी संतुलित रखते हैं साथ ही शहर में बड़ी संख्या में सैलानी आते हैं और यह पक्षी उनके आकर्षण का केंद्र भी है, जबकि स्पीड बोट इन पक्षियों के नैसर्गिक क्रियाकलापों को बाधित करती है जिस से लगातार इन पक्षियों की संख्या घटती जा रही है, पहले तो स्पीड बोट एक, दो की संख्या में ही थी किंतु अब तो कम से कम 5 बोट दिखाई देती है इनकी जगह अगर चप्पू वाली नाव या सोलरबॉट जैसी छोटी-छोटी नावे संचालित हो तो इससे बेरोजगारों को रोजगार भी मिलेगा साथ ही जिलों को भी नुकसान नहीं पहुंचेगा एवं सैलानी के लिए भी मनोरंजन के साथ सुरक्षा भी बढ़ेगी इस विषय की गंभीरता को समझते हुए स्पीड बोट के संचालन को रुकवा कर झील प्रेमियों को राहत देने हेतु ज्ञापन प्रेषित किया गया ज्ञापन प्रेषित करने वालों में पहल संस्थान की संयोजिका ज्योत्सना झाला, बजरंग सेना मेवाड़ के संस्थापक कमलेंद्र सिंह पंवार अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा मेवाड़ के अध्यक्ष यादवेंद्र सिंह रलावता, राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी समिति के संभाग अध्यक्ष नरेंद्र सिंह शेखावत, जगन्नाथ धाम रथ यात्रा के संयोजक शिव सिंह सोलंकी ,कृष्ण कल्याण संस्थान की संस्थापिका माया बहन सहित प्रमुख उपस्थित थे ,