उदयपुर | राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, राजस्थान सरकार द्वारा उदयपुर जिले के गोगुन्दा पंचायत के पीपड गाँव में मासूम बालिका के पैंथर का शिकार होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए संज्ञान लिया l आयोग के सदस्य डॉ. शैलेंद्र पंड्या ने जानकारी देते हुए बताया कि उदयपुर सम्भाग के जनजाति क्षेत्र आए दिन जनजाति परिवार के बच्चो पर वन जीवो द्वारा होने वाले हमले एवं हाल ही में शिकार हुई मासूम बालिका के मामले में स्वयं सेवी संस्थाओ के संगठन बाल सुरक्षा नेटवर्क, उदयपुर द्वारा आवश्यक कार्यवाही हेतु ज्ञापन प्राप्त हुआ था, जिसे आयोग ने गंभीरता से लेते हुए सम्बधित अधिकारियो एवं वन विभाग को निर्देश जारी किये है l
पूरे मामले की जानकारी एवं ज़मीनी जाँच हेतु आयोग सदस्य डॉ. शैलेंद्र पंड्या द्वारा वन विभाग के उच्चाधिकारी, विशेषज्ञों सहित बाल सुरक्षा नेटवर्क, उदयपुर के संयोजक बी. के. गुप्ता से दूरभाष पर चर्चा की गई l तत्पश्चात वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक को तीन प्रमुख बिन्दुओ पर आयोग से पत्र जारी कर 15 दिवसों में कार्यवाही कर रिपोर्ट करने के निर्देश दिए l
1. जहाँ से भी जंगली जानवर या नरभक्षि द्वारा जनजाति बच्चों पर आक्रमण की सूचना मिले वहाँ केवल पिंजरा रखने के साथ टिम बना कर जल्द रेस्क्यू किया जाए l
2. जनजाति परिवारो के लिए लोकल भाषा में जिस क्षेत्र में ख़तरा है वहाँ सतर्क करने हेतु बोर्ड लगे l
3. जिस वन क्षेत्र के पास जनजाति परिवारों की बस्ती है वहाँ फेंसिंग या सुरक्षा हेतु वन विभाग द्वारा की गई व्यवस्थाओं की 6 माह में सम्बंधित सक्षम अधिकारी समीक्षा कर जर्जर हुई या मरम्मत की आवश्यकता वाले स्थानो पर सुधार करावेl