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महाराणा सज्जन सिंह कालीन (१८७४-१८८४) मेवाड राज्य में शिक्षा प्रबंध

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14 Jul 20
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महाराणा सज्जन सिंह कालीन (१८७४-१८८४)  मेवाड राज्य में शिक्षा प्रबंध

उदयपुर ।  महाराणा सज्जन सिंह जी की १६१वीं जयंती पर दी जाने वाली जानकारियों में आज की ऐतिहासिक कडी में महाराणा मेवाड चैरिटेबल फाउण्डेशन द्वारा संचालित महाराणा मेवाड अनुसंधान केन्द्र, उदयपुर द्वारा मेवाड राज्य में शिक्षा प्रबंध पर संक्षिप्त प्रकाश डाला जा रहा हैं। पाठकों की जानकारी के लिए इसे इटर्नल मेवाड की पोस्ट पर भी दिया जा रहा है ः-

महाराणा सज्जन सिंह जी मेवाड में स्कूली शिक्षा को बहुत बढावा दिया। महाराणा सज्जन सिंह जी अपने पिता महाराणा शम्भु सिंह जी और स्वामी दयानंद सरस्वती जी से प्रेरित होकर अपने राज्य मेवाड में ९ राजकीय स्कूल आरम्भ करवाये। उनमें से चार स्कूल उदयपुर नगर में आरम्भ करवाये, उदयपुर के बाद ऋषभदेव, जावर, जहाजपुर, सादडी और कोटडा में भी स्कूली शिक्षा को बढाते हुए स्कूल आरम्भ करवाये। उदयपुर में स्कूली शिक्षा एवं स्कूलों की देखरेख के लिए मिस्टर बेयर्ड को सुपरिटेंडेंट के पद पर नियुक्त किया। संस्कृत के लिए श्री विनायक जी शास्त्री, हिन्दी एवं संस्कृत के लिए पंडित खेमराज जी तथा उर्दू व फारसी के लिए मौलवी अब्दुल रहमान जी को शिक्षण कार्य के लिए नियुक्त किये गये।

राज्य में बालिका शिक्षा को बढावा देने के लिए महाराणा ने सन् १८७६ में श्रीमती लोनारगन को गर्ल्स स्कूल की हेडमिस्ट्रेस नियुक्त कर उनके साथ दो अन्य शिक्षिकाओं को भी नियुक्ति किया। राज्य के सभी स्कूलों को प्रतिवर्ष अनुदान प्रदान किया जाता रहा। महाराणा अनुदान की प्रतिवर्ष वृद्धि कर प्रदान करते थे। सन् १८७७ में स्कूलों के कुशल प्रबंधन के लिए एक शिक्षा समिति का गठन किया और महाराणा एवं पोलिटिकल एजेंट उस समिति के अध्यक्ष रहे।

महाराणा ने भू-राजस्व में उपकर लगाकर स्कूली शिक्षा के लिए अलग से प्रबन्ध किया। यही नहीं महाराणा के स्वर्गवास (२३ दिसम्बर १८८४) पर सज्जन स्कूल और सज्जन अस्पताल की स्थापना के लिए २ लाख रुपये दान दिये गये।

 


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