GMCH STORIES

भारतीय लोक कला मण्डल में लोक साहित्यःपरंपरा और विकास विषयक संगोष्ठी

( Read 17210 Times)

21 Sep 19
Share |
Print This Page
भारतीय लोक कला मण्डल में  लोक साहित्यःपरंपरा और विकास विषयक संगोष्ठी

उदयपुर|  भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर संस्था के मानद सचिव दौलत सिंह पोरवाल ने बताया कि भारतीय लोक कला मण्डल, उदयपुर एवं साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आज दिनांक २१ सितम्बर से लोक साहित्य परंपरा और विकास विषयक संगोष्ठी का आयोजन आज होगा ।

भारतीय लोक कला मण्डल के निदेशक डॉ. लईक हुसैन ने बताया आज २१ एवं कल २२ सितम्बर को आयोजित होने वाली संगोष्ठी में राजस्थान के लोक साहित्यः परंपरा और विकास विषय पर संगोष्ठी का आयोजन भारतीय लोक कला मण्डल में किया जा रहा है, जिसका उद्घाटन प्रातः १० बजे वरिष्ठ नाट्य निर्देशक एवं कला मर्मज्ञ श्री भानु भारती द्वारा किया जाएगा।  । उक्त संगोष्ठी का बीज भाषण, संयोजक राजस्थानी परामर्श मण्डल, साहित्य अकादेमी के श्री मधु आचार्य,(आशावादी)बीकानेर द्वारा किया जाएगा । संगोष्ठी की अध्यक्षता प्रसिद्ध कवि एवं चिंतक सोहन दान चारण द्वारा की जाएगी । उक्त संगोष्ठी के आयोजन हेतु साहित्य अकादेमी के सचिव श्री के. श्रीनीवास राव उदयपुर पहुँच चुके है तथा वह संगोष्ठी के आयोजन पर प्रकाश डालने के साथ सभी प्रतिभागियों का स्वागत करेगें ।

साहित्य आकादेमी के ज्योती कृष्ण वर्मा ने बताया की संगोष्ठी में राजस्थानी साहित्य के विभिन्न विद्वान उक्त संगोष्ठी में अपने विचार रखेंगे तथा शोध पढेगें । संगोष्ठी में भाग लेने वाले अन्य साहित्यकार निम्न प्रकार से है ।

श्री शारद कृष्ण, ज्योति पुंज, हरीश बी शर्मा, गिरधारीदान रतनू, विश्वामित्र दाधीच, सुरेश सालवी, बुलाकी शर्मा, राजेश कुमार व्यास, श्रीलाल मोहता, जितेन्द्र निर्मोही, अम्बिका दत्त, भूपेन्द्र सिंह, भवर सिंह सामौर, प्रकाश अमरावत, ओम प्रकाश भाटिया, देव कोठारी एवं मधु आचार्य ’’आशावादी‘‘‘ आदि ।

भारतीय लोक कला मण्डल के निदेशक डाँ. लईक हुसैन ने बताया की दिनांक २१ सितम्बर के अन्तिम सत्र के बाद राजस्थान कि उदियमान कवयित्री श्रीमती उज्जवल तिवारी के काव्य पुस्तक ’’सब दृश्य‘‘ का लोकार्पण शाम ४.३० बजे किया जाएगा । जिसमें कवि-चिंतक, साहित्यकार, कला प्रेमी एवं अन्य सभी सुधी जन सादर आमंत्रित हैं ।

 


Source :
This Article/News is also avaliable in following categories :
Your Comments ! Share Your Openion

You May Like