गुलाब भवन,भाटा-पाड़ा,रामपुरा,71 वर्षीया निवासी रौशन मेहता का गुरुवार देर रात हृदयगति रुक जाने से निधन हो गया । अचानक हुई इस घटना के कारण उनके पति प्रकाश चंद मेहता,व उनके तीनों बेटे सुरेंद्र,वीरेंद्र व राजीव शोक में डूब गये । सम्मिलित परिवार में रहने से माता जी के चले जाने के ग़म ने पूरे घर को ही शोक में डाल दिया ।
इसी बीच घर के सबसे छोटे बेटे राजीव ने अपने पिता से माँ के नेत्रदान करवाने की बात रखी, घर के सभी सदस्यों ने एक राय होकर नेत्रदान करवाने के लिये सहमति दे दी । राजीव जी को परेशानी यह थी कि, क्या इतनी रात को नेत्रदान के लिये शाइन इंडिया फाउंडेशन संस्था से कोई आ सकेगा या नहीं ? राजीव जी भी अपना नेत्रदान का संकल्प पत्र शाइन इंडिया के साथ भर चुके थे,उनके पास संस्था के संपर्क सूत्र थे, उन्होंने संशय करते हुए संस्था में कॉल किया,संस्था सदस्यों ने ठीक आधे घंटे का समय देकर,आई बैंक के तकनीशियन को लेकर आने का कहा । परिजनों को कहा गया कि रौशन जी की आँखों को पूरी तरह से बंद करके उन पर गीली पट्टी रख दें,साथ ही पंखा भी बंद कर दें,अन्यथा कॉर्निया के सूख जाने से उसके खराब रहने की संभावना रहती है। इधर तकनीशियन टिंकू ओझा की पत्नि सुमन ओझा बीते 2 दिनों से तलवंडी के निजी अस्पताल में भर्ती थी,ऐसे में जैसे ही टिंकू को रात 12:30 बज़े नेत्रदान लेने चलने को कहा,तो वह सुमन को बिना कुछ बताये,सोता हुआ छोड़कर संस्था सदस्यों के साथ ठीक आधे घंटे में नेत्रदान लेने रामपुरा पहुँच गये । परिवार के सभी सदस्यों के बीच
संस्था सदस्यों और आई बैंक के तकनीशियन ने नेत्रदान की प्रक्रिया को समझाया,इस दौरान घर की बहू-बेटियाँ, बच्चे भी वहाँ मौजूद थे, जिन्होंने नेत्रदान प्रक्रिया, उपयोगिता व उससे जुड़ी भ्रान्तियों के बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त की ।