उदयपुर। देश-विदेश में कवि के रूप में सुख्यात शायर मुनव्वर राणा ने लोककला मंडल में आयोजित काव्योदय की अपार सफलता पर न केवल अपना उल्लास व्यक्त किया अपितु आयोजक अल्पेश लोढा तथा संयोजक डॉ. तुक्तक भानावत का पगडी और शॉल से हार्दिक अभिनंदन किया।
बाद में उन्होंने बताया भी कि उनके जीवनकाल में यह कवि सम्मेलन कई दृष्टियों से यादगार बन गया है। प्रथम तो इसके नाम में ही इस सौंदर्यपूरित शहर की छवि अंकित है फिर राणा प्रताप से प्रेरित हो उन्होंने अपने नाम के साथ ‘राणा’ पद को शोभित किया और मुनव्वर राणा बने। कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में राजघराने के राणा-प्रतिनिधि महाराजकुमार लक्ष्यराजसिंह मेवाड की अंत तक उपस्थिति देख मेरा सीना गर्व से फूल गया।
उन्होंने कहा कि कवि सम्मेलन को सुनने के लिए ऐतिहासिक भीड भी बडी संयत लगी। श्रोता अंत तक बडी तल्लीनता से रसविभोर होते रहे और कवियों ने भी उन्मुक्त रस-वर्षा की। रंगमंच की साजसज्जा और उत्तम व्यवस्था ने भी मुझे अभिभूत किये रखा इसीलिए आयोजक और संयोजक का अभिनंदन मुझे प्रेरित कर गया। दोनों की आत्मीयता को मेरा सलाम। ये सदैव सलामत रहें।
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