उदयपुर, । विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने प्रातः 9.15 बजे विश्वविद्यालय प्रशासनिक कार्यालय प्रांगण में ध्वजारोहण किया I इस अवसर पर माननीय कुलगुरु डॉ. अजीत कुमार कर्नाटक ने उन्नयासिवें स्वतंत्रता दिवस समारोह के कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए बताया कि यह दिवस असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान, साहस और सपनों को नमन करने का अवसर है, जिन्होंने हमें यह अमूल्य स्वतंत्रता दिलाई है। कृषि क्षेत्र,भारतीय अर्थव्यवस्था का एक मुख्य स्तंभ है। इसका श्रेय वैज्ञानिकों और किसानों के अथक प्रयासों, सरकारी नीतियों और इस क्षेत्र में बढ़ते निवेश सहित विभिन्न कारकों को जाता है। अनुसंधान में हमारी उत्कृष्टता सर्वकालिक उच्च स्तर पर है। फसल सुधार की दिशा में हमने पिछले 5 वर्षों में मक्का की 5 किस्में विकसित की हैं। उन्होंने हमारे प्रसार वैज्ञानिकों की टीमों द्वारा माननीय कृषि मंत्री जी द्वारा संकल्पित "विकसित कृषि संकल्प अभियान" में पूर्ण मनोयोग से भाग लेने पर उनकी सराहना की I
इस शुभ अवसर पर कुलगुरु डॉ कर्नाटक ने विशेष पुरस्कार- प्रताप गौरव की घोषणा की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय में अपनी उत्कृष्ट सेवाएँ, प्रतिबद्धता और उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिये सम्मानित किया जिसमें 2 चयनित प्राध्यापकों, 5 सह शैक्षणिक कर्मचारियों एवं 17 विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किये गये । कृषि में नवाचार और महत्वपूर्ण योगदान के लिए उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा जिले के 16 प्रगतिशील कृषकों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित भी किया गया । डॉ कनार्टक ने केवीके भीलवाड़ा के प्रभारी डॉ सी एम यादव और प्रशासनिक कार्यालय के श्री एल एन सालवी को प्रताप गौरव सम्मान प्रदान किया।
विश्वविद्यालय कुलसचिव डॉ. बी. एल. कुमावत एवं वित्त नियंत्रक श्रीमती दर्शना गुप्ता ने स्वतंत्रता दिवस के पुनीत अवसर पर सभी को हार्दिक बधाई दी। इस अवसर पर महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के सभी सम्मानित अधिकारी-गण,निदेशक-गण, अधिष्ठाता-गण, कर्मचारी बंधुओं, प्रगतिशील किसान मित्र और प्रिय विद्यार्थियों उपस्थित रहे । कुलगुरु ने अपने संदेश में कहा कि स्वतंत्रता दिवस केवल जश्न का नहीं बल्कि संकल्प का समय है,आइए हम एक आत्मनिर्भर, सतत, समावेशी और विकसित भारत बनाने का संकल्प लें । ध्वजारोहण समारोह के पश्चात वरिष्ठ अधिकारी परिषद के सदस्यों और अन्य विश्वविद्यालय प्राधिकारियों द्वारा वृक्षारोपण भी किया गया ।