हजारों रुपए खर्च कर एक नया हैंड पंप चालू होता है।उनमें से कुछ हैंड पंप या तो कम पानी देने लगते है या सूख जाते है।जल विभाग उन्हें नकारा घोषित कर फिर नया हैंड पंप खोदने की कवायद शुरू कर देता है।
पिछले कुछ सालों से हमने इन मृत हैंड पंप को रिचार्ज किए है और वे सफलता पूर्वक भरपूर पानी दे रहे है ऐसा ही नए हैंड पंप खोदने से पूर्व इस पुराने हैंड पंप को रिचार्ज कर देखना चाहिए।उदाहरण हेतु सीसारमा स्कूल,,होम साइंस कॉलेज,मीरा गर्ल्स कॉलेज , लखावली स्कूल के हैंड पंप।
आवश्कता है आसपास की छत जिस पर गिरने वाला वर्षा जल ऐक सस्ता ,सरल फिल्टर द्वारा इस हैंड पंप में डाला जाए।और कोई भी हैंड पंप बिना रिचार्ज सिस्टम के न लगे जिस तरह कोई मोबाइल बिना चार्जर नहीं होता तो लाखो रुपए राजकोष के भी बच सकते है।क्यों नहीं हम सस्ते ,सरल रास्ते को अपनाते ?