उदयपुर। ए. एस. मेहता गत दिनों नई दिल्ली में इंडियन पेपर मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईपीएमए) द्वारा आयोजित 19वें वार्षिक सम्मेलन में अध्यक्ष चुने गए। बड़ीसादड़ी निवासी मेहता वर्तमान में जे. के. पेपर लि. के प्रेसीडेंट हैं।
इस अवसर पर आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि हमें इस भ्रम को तोडऩा होगा कि कागज निर्माण के लिए देश में हजारों पेड़ नष्ट किये जा रहे हैं जबकि सच्चाई यह है कि इसके लिए किसानों द्वारा करीब 9 लाख हैक्टेयर का वनीकरण किया गया है। इसमें विशेष किस्म के नये पेड़ उगाये जाकर लगभग 90 फीसदी कच्चा माल प्राप्त किया जाता है। इससे करीब पांच लाख किसानों को रोजगार मिला है। इन नव पेड़ों से बने कागज की मांग विदेशों में भी बढ़ती जा रही है।
विशिष्ट अतिथि केन्द्रीय वाणिज्य, उद्योग एवं नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि घरेलू स्तर पर कागज विनिर्माण को बढ़ावा देना सरकार की व्यापार नीति की प्राथमिकताओं में है। पेपर इंडस्ट्री देश के महत्वपूर्ण उद्योगों में है। निवर्तमान अध्यक्ष सौरभ बांगड़ ने कहा कि पिछले दस सालों में देश में कागज की खपत दुगुनी हो गई है जो वर्ष 2019-20 तक दो करोड़ टन होने का अनुमान है।