उदयपुर। राज्य परिवहन विभाग द्वारा राज्य में संचालित मोटर ड्राईविंग स्कूलों के नियंत्रण एवं नियमन के लिये जारी की गई एक नयी स्कीम एमडीएसआर-२०१८ में मोटर ड्राईविंग स्कूलों के संचालन के लिये अनेक प्रावधान किये गये। जिसके विरूद्ध ऑल इंडिया मोटर ड्राईविंग स्कूल एसोसिएशन ने इस स्कीम के कुछ प्रावधानों एवं नियमों के विरूद्ध उच्च न्यायालय में एक रिट दायर की जिस पर आज उच्च न्यायालय ने स्टे दिया।
एसोसिएशन के राश्ट्रीय अध्यक्ष गिरीश शर्मा ने बताया कि परिवहन विभाग द्वारा जारी स्कीम एमडीएसआर-२०१८ के अनुसार ड्राईविंग स्कूल स्कूलों के भवन परिसर के लिये विभिन्न श्रेणीनुसार कमरों के आकार की बाध्यता, ड्राईविंग स्कूलों के लिये धरोहर राशि डेढ लाख रूपयें तक कर दी गई और प्रशिक्षणार्थियों की संख्या घटा दी गई जबकि केन्द्रीय मोटर वाहन अधिनियम१९८८ एवं नियम १९८९ में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। इन्हीं सभी बिन्दुओं पर एसोसिएशन द्वारा उच्च न्यायालय ने दायर रिट पर सुनवाई करते हुए इस स्कीम पर रोक लगाते हुए विभाग को आदेश दिये कि संचालित मोटर ड्राईविंग स्कूलों के विरूद्ध किसी प्रकार की दमनात्मक कार्यवाही नहीं की जायेगी।
एसोसिएशन के राश्ट्रीय उपाध्यक्ष अज्जू भाई मुजीबद्दीन ने बताया कि माननीय न्यायालय द्वारा गत ४ सितम्बर २०१८ को परिवहन विभाग को मोटर ड्राईविंग स्कूलों के विरूद्ध दमनात्मक कार्यवाही ना किये जाने के आदेश दिये जाने के बावजूद उदयपुर जिला परिवहन अधिकारी द्वारा वहंा संचालित मोटर ड्राईविंग स्कूलों को स्कीम-२०१८ की अनुपालना में कार्यवाही किये जाने के आदेश दिये जा रहे है। अज्जू भाई ने बताया कि कोर्ट का निर्णय आने तक एसोसिएशन द्वारा सभी प्रादेशिक परिवहन अधिकारियों को माननीय न्यायालय के आदेश की पालना म किसी प्रकार की दमनात्मक कार्यवाही नहीं करने का निवेदन किया गया था।
उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेश एवं एसोसिएशन द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र दिये जाने के बावजूद परिवहन विभाग द्वारा मोटर ड्राईविंग स्कूलों के विरूद्ध एमडीएसआर-२०१८ के अनुसार कोई दमनात्मक कार्यवाही की गई तो माननीय न्यायालय के आदेश की अव्हेलना होगी और एसोसिएषन इसका संज्ञान कोर्ट में प्रस्तुत करेगी।
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