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भामाशाह सम्मान एवं विशाल निशुल्क दिव्यांग व निर्धन सामूहिक विवाह समारोह 8-9 को

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08 Sep 18
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भामाशाह सम्मान एवं विशाल निशुल्क दिव्यांग व निर्धन सामूहिक विवाह समारोह 8-9 को उदयपुर। नारायण सेवा संस्थान के लियों का गुड़ा, बड़ी स्थित मुख्यालय में 8-9 सितम्बर को भामाशाह सम्मान एवं विशाल निशुल्क दिव्यांग तथा निर्धन सामूहिक विवाह समारोह होगा। इसमें 54 जोड़े पारंपरिक रस्मों-रिवाज के साथ विवाह सूत्र में बंधकर नई जिंदगी की शुरुआत करेंगे। नारायण सेवा संस्थान पिछले 18 वर्षों में दिव्यांग और वंचित जोड़ों के लिए 30 सामूहिक विवाह समारोहों का सफलतापूर्वक आयोजन कर चुका है जिनमें देशभर के 1349 जोड़ो विवाह सूत्र में बंधे हैं। यह जानकारी शुक्रवार को होटल विष्णुप्रिया में आयोजित प्रेसवार्ता में संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने दी। प्रेसवार्ता में निदेशक देवेन्द्र चौबीसा, मीडिया प्रभारी विष्णु शर्मा हितैषी, दीपक मेनारिया एवं रजत गौड़ भी उपस्थित थे।
संस्थान अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि विवाह से संबंधित सभी रस्मों-रिवाज भव्य और शानदार कार्यक्रम के बीच पूरे किए जाएंगे। विवाह समारोह में दूल्हा-दुल्हन के साथ उनके परिवारिक सदस्य, साधक और अतिथि उपस्थित रहेंगे। विवाह बंधन में बंध रहे जोड़ों में से अधिकतर ऐसे हैं, जिन्होंने संस्थान में अपनी विकलांगता के लिए निशुल्क सुधारात्मक सर्जरी करवाई है और यहीं प्रशिक्षण पूरा किया है।
श्री अग्रवाल ने बताया कि संस्थान को इस बात पर गर्व है कि उसके माध्यम से दिव्यांग और सुविधाओं से वंचित लोगों को समाज की मुख्य धारा से जोडऩे के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं। दिव्यांग और वंचित जोड़ों के लिए सामूूहिक विवाह समारोह ऐसी ही एक पहल है। विवाह के लिए जोड़ों से कोई राशि नहीं ली जाती है बल्कि आजीविका चलाने के लिए उनकी पूरी सहायता की जाती है, ताकि वे विवाह के बाद अपना नया जीवन बेहतर तरीके से शुरू कर सकें। ऐसे जोड़ों और उनके परिजनों की तरफ से मिलने वाली दुआएं ही हमारा सम्बल है। विवाह स्थल पर 54 विवाह वेदियां तैयार की जा रही हैं। 54 पंडित मुख्य आचार्य के मार्गदर्शन में विवाह की विधि संपन्न करवाएंगे। इस समारोह में संत समुदाय की उपस्थिति रहेगी। शनिवार 8 सितम्बर को शाम 5 बजे सजी-धजी बग्घियों में बाजे-गाजे के साथ भव्य बिंदौलियां निकलेंगी। इसमें बाराती बने परिजन और देशभर से आने वाले संस्थान के सहयोगी, अतिथि व जन समुदाय नाचते-गाते चलेंगे। रविवार 9 सितम्बर प्रात: 10 बजे बड़ी स्थित मुख्यालय पर तोरण और वरमाला की रस्म होगी। शुभ मुहूर्त में पाणिग्रहण संस्कार आरम्भ होगा।
श्री अग्रवाल ने बताया कि विवाह में बंधने वाले जोड़ों को घरों से लाने व छोडऩे के लिए संस्थान की ओर से वाहनों की विशेष व्यवस्था की गई है। समारोह के लिए रजिस्टे्रशन समिति, आवास एवं भोजन व्यवस्था समिति, टेंट व्यवस्था समिति, स्वागत समिति, यातायात व्यवस्था समिति, बिन्दोली व्यवस्था समिति, सुरक्षा व्यवस्था समिति, सफाई व्यवस्था समिति, वर-वधू शृंृगार समिति का गठन किया गया है। वर-वधुओं को आशीर्वाद प्रदान करने के लिए दिल्ली, मुंबई, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुडग़ांव, जोधपुर, इंदौर, आगरा, नागपुर, हैदराबाद, अलीगढ़, पूना, राजकोट, देहरादून, पटना, बड़ौदा आदि शहरों से संस्थान के सहयोगी एवं अतिथिगण पधारेंगे।
यह होंगे मांगलिक कार्यक्रम
श्री अग्रवाल ने बताया कि समारोह के पहले दिन 8 सितम्बर को प्रात: 10 बजे गणपति स्थापना होगी। प्रात: 10.15 बजे भामाशाह सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा। प्रात: 11.30 बजे मेंहदी की रस्म होगी और शाम 5 बजे भव्य बिन्दौली निकाली जाएगी। दूसरे दिन 9 सितम्बर को सुबह-10 बजे तोरण की रस्म अदा की जाएगी। सुबह 11 बजे वरमाला एवं पाणिग्रहण संस्कार का आयोजन होगा। अपराह्न 3 बजे विदाई की रस्म अदा की जाएगी।

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