उदयपुर। कुल्हे की हड्डी के कारण जन्म से एक युवक का बायां पैर डेढ इंच छोटा था। ज्वाइंट रिप्लेसमेंट के द्वारा बाएं पैर को दाएं पैर के बराबर किया गया। इस ऑपरेशन की खास बात यह रही कि पहले ही दिन युवक को चला दिया गया। यह ऑपरेशन जीबीएच अमेरिकन हॉस्पीटल के हड्डी एवं जोड प्रत्यारोपण रोग विशेषज्ञ डॉ. सूर्यकांत पुरोहित और डॉ. राहुल खन्ना की टीम ने किया।
ग्रुप डायरेक्टर डॉ. आनंद झा ने बताया कि राजसमंद निवासी दिनेश सालवी (१७) में जन्मजात विकार के चलते बायां पैर का कुल्हा विकसित नह हो पाया था। इस उम्र तक उसका बायां पैर दाएं पैर से करीब डेढ इंच छोटा रह गया था। इसके चलते वह लडखडाता हुआ चलता था। इतना ही नहीं उसका बायां पैर दाएं पैर से काफी पतला भी रह गया था। पिछले दिनों परिजनों ने जीबीएच अमेरिकन हॉस्पीटल के अस्थि एवं जोड प्रत्यारोपण विशेषज्ञ डॉ. सूर्यकांत पुरोहित से युवक के पैर को लेकर मशविरा लिया। इस पर कुल्हे की हड्डी में विकार पाया जिसे मेडिकल साइंस में कोक्सा ब्रिवा कहा जाता है। इसे शुरूआत में फिजियोथैरेपी से ठीक करने का प्रयास किया। इसमें कोई खाास सुधार दिखाई नहीं देने पर कुल्हे का जोड बदलना तय किया गया। युवक को डॉ. सूर्यकांत पुरोहित और डॉ. राहुल खन्ना की टीम ने कुल्हे का जोड बदलने का सफल ऑपरेशन किया और उसी दिन युवक को चला भी दिया। इसमें युवक का पैर दाएं पैर के बराबर भी हो गया। अब फिजियोथैरेपी की मदद से युवक का पतला पैर सही आकार में लेने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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