उदयपुर : भारतीय खेल जगत में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए भारतीय कुश्ती महासंघ ने प्रो रेसलिंग लीग की वापसी की घोषणा की है। 2019 के सफल सीज़न के बाद अब यह लीग 2026 में एक नए जोश और ऊर्जा के साथ लौट रही है। इस बार पीडब्ल्यूएल को एक मजबूत सार्वजनिक-निजी साझेदारी मॉडल के तहत आयोजित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य भारतीय पहलवानों को वैश्विक मंच देना, देश के ओलंपिक सपनों को नई दिशा देना और भारतीय कुश्ती की ‘मातृ शक्ति’ को सशक्त बनाना है। यह लीग जनवरी 2026 के मध्य से शुरू होने की तैयारी में है, जो कुश्ती में एक नया स्वर्णिम अध्याय लिखने का वादा करती है। इस लीग की आधिकारिक घोषणा के अवसर पर भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। उन्होंने भारतीय कुश्ती के इस नए अध्याय की औपचारिक शुरुआत की और कहा कि यह पहल भारतीय पहलवानों के लिए एक बार फिर बड़ा मंच तैयार करेगी।
बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि कुश्ती भारत में सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि हमारी परंपरा और संस्कृति की विरासत है। वर्षों से मैंने देखा है कि हमारे अखाड़ों में कितना अद्भुत प्रतिभायें छिपी है, जिसे सही मंच नहीं मिल पाता। प्रो रेसलिंग लीग की वापसी उस मंच को फिर से स्थापित करेगी, जहाँ भारतीय कुश्ती को वैश्विक और पेशेवर पहचान मिलेगी। यह लीग हर उस युवा पहलवान के सपने को साकार करने का माध्यम बनेगी, जो स्थानीय अखाड़े से अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचना चाहता है। हमारा लक्ष्य है कि यह लीग दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित कुश्ती लीग बने। भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने कहा कि आईपीएल ने यह साबित किया कि एक संगठित लीग किस तरह देश की प्रतिभाओं को सामने लाकर उन्हें विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने का मौका दे सकती है। प्रो रेसलिंग लीग 2026 उसी सफलता को दोहराने की हमारी प्रतिबद्धता है। यह लीग हमारे नए ओलंपिक, एशियाई खेलों और अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के पदक विजेताओं की नर्सरी बनेगी। साथ ही, यह पहल हमारी ‘मातृ शक्ति’ को भी नई दिशा देगी, जिससे महिला पहलवानों को बराबरी का सम्मान, अवसर और निवेश मिल सके। हमारा उद्देश्य है कि भारत की बेटियाँ आने वाले वर्षों में अंतरराष्ट्रीय मंच पर कुश्ती की नई पहचान बनें।
लीग का एक प्रमुख उद्देश्य लैंगिक समानता ( जेंडर इक्वलिटी ) को बढ़ावा देना है। यह लक्ष्य उस वैश्विक बदलाव के अनुरूप है, जो हाल ही में 2024 पेरिस ओलंपिक में महिला पहलवानों की ऐतिहासिक उपलब्धियों से साफ झलकता है। भारतीय महिला पहलवानों ने पिछले कुछ वर्षों में लगातार शानदार प्रदर्शन किया है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए सबसे अधिक पदक जीतने में अग्रणी भूमिका निभाई है। प्रो रेसलिंग लीग का यह नया अध्याय महिलाओं की इस सफलता को और मजबूती देगा, ताकि वे आने वाले समय में भारतीय कुश्ती की असली पहचान बन सकें। इस लीग में भारत के शीर्ष पहलवानों के साथ-साथ रूस, कज़ाखस्तान और अन्य कुश्ती महाशक्तियों के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी हिस्सा लेंगे। इससे प्रतियोगिता का स्तर और ऊँचा होगा तथा भारतीय पहलवानों को विश्वस्तरीय अनुभव प्राप्त होगा। यह मंच उन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ पहलवानों के साथ मुकाबला करने और अपनी प्रतिभा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साबित करने का अवसर देगा।
प्रो रेसलिंग लीग के चेयरमैन और प्रमोटर दयान फ़ारूक़ी ने कहा कि प्रो रेसलिंग लीग को एक फ्रेंचाइज़ी-आधारित प्रीमियर मॉडल के रूप में तैयार किया गया है। हमारा उद्देश्य ऐसा मंच बनाना है जहाँ निजी कंपनियाँ और निवेशक अपनी-अपनी टीमें बना सकें, ठीक वैसे ही जैसे अन्य सफल स्पोर्ट्स लीगों में देखा गया है। यह ढांचा कुश्ती को एक स्वावलंबी और व्यावसायिक रूप से सशक्त खेल के रूप में स्थापित करेगा, जिससे इस खेल की प्रतिष्ठा और दीर्घकालिक विकास दोनों सुनिश्चित होंगे। प्रो रेसलिंग लीग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अखिल गुप्ता ने पहलवानों की वित्तीय सुरक्षा को लेकर लीग के खिलाड़ी-केंद्रित मॉडल की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य एक पहलवान के जीवन को पूरी तरह बदलना है। इसके माध्यम से हम ऐसा मजबूत आर्थिक ढांचा बना रहे हैं, जिसमें पहलवानों को पेशेवर एथलीटों के रूप में उनका उचित सम्मान और आर्थिक स्थिरता दोनों मिले। निश्चित कॉन्ट्रैक्ट, लीग-स्तरीय इन्सेंटिव और फ्रेंचाइज़ी साझेदारी के ज़रिए हम उन्हें ऐसी वित्तीय स्थिरता देंगे, जिससे हमारे चैंपियन आर्थिक चिंताओं से मुक्त होकर सिर्फ भारत के लिए पदक जीतने पर ध्यान केंद्रित कर सकें। प्रो रेसलिंग लीग के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर सुमित दुबे इन महत्वपूर्ण साझेदारियों को बनाने का जिम्मा संभालेंगे। उनका मुख्य ध्यान पूरे ऑपरेशन (संचालन) पर और कॉर्पोरेट जगत के साथ जुड़कर फ्रेंचाइज और प्रायोजकों को लीग में लाने पर होगा। यह लीग की व्यावसायिक सफलता और व्यापक लोकप्रियता सुनिश्चित करेगा। बदली हुई प्रो रेसलिंग लीग 2026 का पहला सीज़न भारतीय कुश्ती के इतिहास में एक यादगार आयोजन साबित होगा। लीग का पूरा शेड्यूल, फ्रेंचाइज़ियों की जानकारी और अंतरराष्ट्रीय सितारों की घोषणा आने वाले महीनों में की जाएगी। यह घोषणा भारतीय कुश्ती के नए युग की आधिकारिक शुरुआत है, एक ऐसा अध्याय जो कुश्ती की ताकत, रणनीति और अदम्य भावना का उत्सव मनाता है।